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माओवादी खुद की फैक्ट्री में बनाते थे बम और बंदूक

बीजापुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए मुठभेड़ के बाद सर्चिंग पर निकले जवानों को बड़ी सफलता मिली है. सुकमा डीआरडी के जवानों ने माओवादियों का एक बंकर ढूंढ निकाला है.

यह बंकर सुकमा-बीजापुर सीमा पर तुमरेल और तलपेरू नदियों के बीच था. माओवादियों ने जमीन के अंदर करीब 10 फीट गहरा और लगभग 12 फीट चौड़ा कमरा बना रखा था.

इसके अंदर माओवादी हथियार और बम बनाने का काम करते थे. बंकर के अंदर से जवानों ने हथियार और विस्फोटक बनाने का सामान सहित माओवादियों का डंप हथियार जब्त किया है.

पुलिस को बुधवार 15 जनवरी को सूचना मिली थी कि दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिलों के सरहदी क्षेत्र में काफी संख्या में माओवादी मौजूद हैं.

इनमें नक्सली कमांडर हिड़मा और बटालियन नंबर 1 का कमांडर देवा के भी होने की खबर थी.

इस सूचना के बाद बुधवार को ही सुरक्षा बलों को सर्चिंग ऑपरेशन पर निकाली गई थी.

मुठभेड़ में 2000 जवान थे शामिल

इस ऑपरेशन में तीन जिलों बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के डीआरडी के जवानों के अलावा कोबरा 204, 205, 206, 208, 210 और सीआरपीएफ के करीब 2000 जवान शामिल थे.

15 जनवरी देर रात तक ये सभी जवान माओवादियों के कोर इलाके पुजारी कांकेर के जंगल में पहुंच कर माओवादियों के ठिकाने को घेर लिया था.

दूसरे दिन 16 जनवरी को सुबह 9 बजे माओवादियों और जवानों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई.

यह मुठभेड़ दिन भर चली. इस दौरान दोनों ओर से रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही.

पहले दिन ही सुरक्षा बलों ने  कुछ घंटों के अंदर ही दो माओवादियों को मार गिराया था.

जंगल में रात भर पोजीशन लेकर बैठे रहे जवान

रात होते ही फायरिंग रुकी. इसके बाद जवान जंगल में ही रात भर पोजीशन लेकर बैठे रहे.

अगले दिन 17 जनवरी की सुबह एक बार फिर मुठभेड़ शुरू हुई और दोनों ओर से फायरिंग हुई.

हालांकि यह मुठभेड़ ज्यादा देर तक नहीं चला। क्योंकि माओवादी जवानों को भारी पड़ता देख भाग निकले.

इसके बाद जवानों ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया. इसमें 12 नक्सलियों के शव बरामद किए गए. साथ में इनके हथियार भी मिले.

मारे गए माओवादियों में 5 महिला और सात पुरूष थे. इसके बाद जवानों ने शवों को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचे.

बताया गया कि मारे गए माओवादी सीआरसी और बटालियन नंबर 1 के माओवादी हैं.

साथ ही पुलिस ने दावा किया है इस मुठभेड़ में कई माओवादियों को गोली लगी है. जिसे माओवादी अपने साथ ले जाने में कामयाब रहे.

बंकर के अंदर हथियार बनाने की फैक्ट्री

मुठभेड़ खत्म होने के बाद सुकमा डीआरजी के जवान तलाशी अभियान में जुटे हुए थे कि उन्हें तुमरेल ओर तलपेरू नदी के बीच जमीन के अंदर कुछ होने का आभास हुआ.

बारीकी से जांच की तो माओवादियों का बंकर दिखाई दिया.

माओवादियों ने बंकर को ऊपर से लकड़ी और मिट्टी से इस तरह ढका हुआ था कि अगर कोई ऊपर से गुजर भी जाए तो उन्हें कुछ पता ही नहीं चलता.

जवान लकड़ी और मिट्टी हटाकर अंदर गए थे वहां का नजारा देखकर जवान भी दंग रह गए.

वहां माओवादियों की हथियार बनाने की फैक्ट्री थी. मशीनें लगी हुईं थीं.

हथियार और विस्फोटक बनाने का सामान पड़ा हुआ था. साथ ही माओवादियों का हथियार भी डंप था.

जवानों ने हथियार जब्त कर कंबर को ध्वस्त कर दिया.

रॉकेट लॉन्चर सहित राइफल बरामद

जवानों ने मुठभेड़ वाले इलाके के साथ माओवादियों की फैक्ट्री से भारी संख्या में हथियार जब्त किए हैं.

जवानों ने पहली बार किसी मुठभेड़ के बाद रॉकेट लॉन्चर बरामद किया है.

बताया गया कि इस रॉकेट लॉन्चर को बटालियन टेक्निकल से बनाया गया है.

सुरक्षा बलों ने जो  अन्य हथियार बरामद किए हैं उनमें  2 नग 303 राइफल, 1 नग 12 बोर राइफल, 1 नग 315 बोर राइफल, 3 नग बीजीएल लॉन्चर सेल, 1 नग रॉकेट लॉन्चर, 4 नग लोडिंग राइफल शामिल हैं.

इसके अलावा कई वायरलेस सेट, विस्फोटक सामग्री, नक्सल साहित्य सहित दैनिक उपयोग की सामग्री हैं.

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