माओवादी हमले में बीएसएफ के 2 जवानों की मौत
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के कांकेर में माओवादियों के हमले में बीएसएफ के दो जवान मारे गये. मारे जाने वालों में बीएसएफ के असिस्टेंड कमांडेट गजेंद्र सिंह एवं आरक्षक अमरेश कुमार शामिल हैं.
पुलिस के अनुसार रावघाट थाने से बीएसएफ 134 वीं बटालियन एवं डीएफ का संयुक्त पुलिस बल गश्त सर्चिंग के लिए रवाना हुआ था. बुधवार को ग्राम किलेनार और कोनकोड़ो के बीच संदिग्ध माओवादियों द्वारा बिछाये गये बारुदी सुरंग की चपेट में आ कर बीएसएफ के असिस्टेंड कमांडेट गजेंद्र सिंह एवं आरक्षक अमरेश कुमार की मौके पर ही मौत हो गई.
इस विस्फोट के बाद मौके पर पहले से छिपे हुये माओवादियों ने गोलीबारी शुरु कर दी, जिसके जवाब में जवानों ने भी मोर्चाबंदी की. पुलिस का दावा है कि करीब घंटे भर तक दोनों तरफ से गोलीबारी चलती रही. इसके बाद माओवादी वहां से भागने में सफल रहे.
कांकेर डीआईजी रतनलाल डांगी ने दावा किया कि मौके पर जिस तरह के साक्ष्य, खून के धब्बे एवं घसीटे जाने के निशान मिले हैं, उससे 4-5 नक्सलियों के मारे जाने और घायल होने के संकेत हैं. इस घटना के बाद इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है.
बस्तर में सुरक्षाबलों ने लगातार अभियान चला रखा है, इसके बाद से माओवादी बैकफुट पर हैं. इस महीने की शुरुआत में ही बीजापुर में पुलिस ने एक मुठभेड़ में कम से कम दस माओवादियों के मारे जाने का दावा किया था. इन माओवादियों से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुये थे. मारे जाने वाले माओवादियों में डीवीसी मेंबर प्रभाकर भी शामिल था. हालांकि पुलिस ने शुरु में माओवादियों की शीर्ष टीम के सदस्य हरिभूषण के मारे जाने का दावा किया था. इसके बाद इस शीर्ष नेता के परिजन भी शव लेने पहुंच गये थे. पुलिस का दावा है कि कई शीर्ष नेता मुठभेड़ स्थल से भागने में सफल रहे.
पुलिस के अनुसार बीजापुर में माओवादी अपने एक साथी की शादी में शामिल होने के लिये पहुंचे थे, जहां छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की पुलिस ने माओवादियों को घेर कर उन पर हमला बोला, जिसके बाद उन्हें संभलने का मौका ही नहीं मिला.