मनोहर पर्रिकर इस्तीफा देंगे
पणजी | एजेंसी: मनोहर पर्रिकर शुक्रवार को गोवा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. उल्लेखनीय है कि शनिवार को भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक है जिसमें रविवार को होने वालो मोदी सरकार के विस्तार पर मुहर लगने की संभावना है. पनोहर पर्रिकर उस समय सुर्खियों में आये जब सोशल मीडिया में उनकी स्कूटर चलाते हुई तस्वीर लोड की गई थी. गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को अपने केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने की अटकलों पर मुहर लगा दी. उम्मीद जताई जा रही है कि शुक्रवार को उनके उत्तराधिकारी पर फैसला करने के लिए भाजपा विधायकों की एक बैठक हो सकती है.
पर्रिकर को वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा देखे जा रहे मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. 59 वर्षीय पर्रिकर ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें निर्देश दिया है कि प्रधानमंत्री मोदी जो भी जिम्मेदारी दें उसे आप स्वीकार कर लें.
पर्रिकर ने हालांकि पत्रकारों को बताया कि उन्हें किस मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जाएगी इस बारे में अभी तक उनके पास कोई सूचना नहीं है.
केंद्रीय केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की अटकलों पर विराम लगाते हुए पर्रिकर ने कहा, “अमित शाह ने मुझे कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी जो भी जिम्मेदारी दें उसे आप स्वीकार कर लें. बाकी प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है, कि वह आपको क्या जिम्मेदारी देते हैं.”
पर्रिकर ने बुधवार को पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष विनय तेंदुलकर और संगठन सचिव सतीश धोंड के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी. तभी से पर्रिकर के रविवार को होने वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं.
पर्रिकर ने बताया कि पार्टी में संसदीय बोर्ड उच्चतम निर्णायक बोर्ड है, जो शनिवार की सुबह मंत्रिमंडल विस्तार पर एक बैठक बुलाएगा.
पर्रिकर ने कहा कि अटकलों पर विराम लगाने के लिए मुझे गुरुवार को मीडिया को यह बात बताने को कहा गया था. साथ ही उन्होंने कहा, “आठ की सुबह आपके कई मुद्दे स्पष्ट हो जाएंगे”.
बुधवार से ही गोवा में इस बात पर चर्चाएं चल रही हैं कि पर्रिकर केंद्र में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल होने वाले राज्य के पहले ऐसे नेता है जिन्हें अक्सर राजनीतिक रूप से महत्वहीन माना जाता था.
केंद्रीय कैबिनेट में गोवा को पहले से ही स्थान दिया गया है. उत्तरी गोवा से सांसद श्रीपद नाइक को केंद्र में पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय का राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार का पद सौंपा गया है.
रमाकांत खलप और एंडुआर्दो फ्लैरो द्वारा पहले भी इस राज्य का केंद्रीय कैबिनेट में प्रतिनिधित्व रहा है.
कैफे, मयखाने, बस स्टैंड और सोशल मीडिया सभी जगह यही चर्चा है कि गोवा में लोकप्रिय नेता पर्रिकर को केंद्रीय कैबिनेट में कब और कैसे जगह मिली.
गोवा के तीसरी बार मुख्यमंत्री पर्रिकर ने कहा, “मुझे राज्य की जनता ने पांच साल के लिए चुना था. मेरे मानना है कि जब तक मैं अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर लेता मेरे ख्याल से इसे बीच में छोड़ना सही नहीं है.”
इस फेहरिस्त में विधानसभा स्पीकर राजेंद्र आरलेकर, स्वास्थ्य मंत्री लक्ष्मीकांत परसेंकर और उपमुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा का नाम भी शामिल है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन तीन नेताओं के अलावा नाइक की दावेदारी को भी खारिज नहीं किया जा सकता.
गोवा के मुख्यमंत्री पद के लिए नाइक केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकते हैं.
आरलेकर के पास राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ठोस पहचान है, और वह पर्रिकर के विश्वासपात्र भी हैं.
परसेंकर गोवा भाजपा के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं, और आरलेकर पहले से ही पर्रिकर के भरोसेमंद सैनिक हैं.
बुधवार को परसेंकर और आरलेकर दोनों ने हालांकि, इस पद की दौड़ से खुद को बाहर बताया.
डिसूजा, मीडिया से बचते दिखे. पूर्व में वह भाजपा में असहमत विधायकों को समर्थित करने की भूमिका निभा चुके हैं. वह भाजपा के सबसे पुराने अल्पसंख्यक चेहरों में से एक हैं. उनका अस्थिर स्वास्थ्य हालांकि चिंता का विषय है. अगर डिसूजा को मुख्यमंत्री बना दिया जाता है तो भाजपा को राज्य की 26 फीसदी ईसाई जनसंख्या का समर्थन मिल सकता है.