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ममता को सबसे ज्यादा जनसमर्थन

रायपुर | सीजीखबर विश्लेषण: हालिया विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी को सबसे ज्यादा जनसमर्थन मिला है. ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल में सीपीएम से 25.2 फीसदी मत ज्यादा मिले हैं. दूसरे नंबर पर तमिलनाडु की जयललिता है जिसे 40.8 फीसदी मत मिले हैं तथा उसने डीएमके को 9.2 फीसदी मतो से परास्त किया है. केरल में सीपीएम तथा पड्डुचेरी में कांग्रेस ने 3 फीसदी से भी कम मतो से अपने विरोधी पार्टी के परास्त किया है. सबसे चौंकाने वाले आकड़े असम के हैं जहां जीतने वाली पार्टी भाजपा को हारने वाली पार्टी कांग्रेस से 1.5 फीसदी मत कम मिले हैं.

क्या इसे ही ‘अच्छे दिन’ कहा जा रहा है. असम में भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में सर्वानंद सोनोवाल को ही पेश किया था. उल्लेखनीय है कि असम की जनता से खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, ”आपके जीवन में आनंद लाना है इसलिए असम में सर्वानंद लाना है”.

गौरतलब है कि सर्बानंद सोनोवाल को राजनीतिक पहचान असम में बांग्लादेशी घुसपैठ मामले को जोर शोर से उठाने के कारण मिली. सोनोवाल ने ही असम में बांग्लादेशी घुसपैठ मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की अगुवाई की.

लखीमपुर से सांसद सर्बानंद सोनोवाल साल 2012 और 2014 में दो बार असम भाजपा के अध्यक्ष रहे. इसलिए राज्य इकाई में उनकी पैठ गहरी मानी है. उन्हें संगठन का आदमी कहा जाता है. साल 2014 में हुए आम चुनाव में भाजपा ने असम में अच्छा प्रदर्शन किया था. भाजपा को 14 में 7 सीटों पर जीत मिली थी. इसके पीछे सोनोवाल की राजनीतिक सूझबूझ की बड़ी भूमिका रही थी.

पांच राज्यों के के लिये हुये विधानसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को 44.9 फीसदी मत मिले हैं. वहां पर दूसरे नंबर पर रही सीपीएम को 19.7 फीसदी मत मिले हैं. इस तरह से दोनों को मिले मतो का अंतर 25.2 फीसदी है.

तमिलनाडु में जयललिता की पार्टी एआईडीएमके को 40.8 फीसदी मत मिले हैं जबकि दूसरे नंबर पर आई डीएमके को 31.6 फीसदी मत मिले हैं. इस तरह से तमिलनाडु में एआईडीएमके को दूसरे नंबर पर आई डीएमके से 9.2 फीसदी मत ज्यादा मिले हैं.

केरल में सीपीएम को 26.5 फीसदी मत मिले हैं तो दूसरे नंबर पर आई कांग्रेस को 23.7 फीसदी मत मिले हैं. दोनों पार्टियों को मिले मतो का अंतर महज 2.8 फीसदी ही है.

पुड्डुचेरी में कांग्रेस को 30.6 फीसदी मत मिले हैं तो ऑल इंडिया एनआई कांग्रेस को 28.1 फीसदी मत मिले हैं. जाहिर है कि यहां पर कांग्रेस को भी महज 2.5 फीसदी मत ही ज्यादा मिले हैं.

असम में मामला उल्टा है. वहां पर जीतने वाली पार्टी भाजपा को 29.5 फीसदी मत मिले हैं तो हारने वाली पार्टी कांग्रेस को 31.0 फीसदी मत मिले हैं. इस तरह से राज्य में अपने दम पर 60 सीटें जीतने वाली भाजपा को 26 सीटें जीतने वाली कांग्रेस से 1.5 फीसदी मत कम मिले हैं.

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