छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में कुपोषण के शिकार हैं बच्चे

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में कुपोषण बढ़ा है और महिलाओं की स्थिति खराब हुई है. यह आरोप प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम ने लगाया है. महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की स्थिति दयनीय है. बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, जिस स्वच्छता अभियान का ढिंढोरा पीटा जा रहा है. उस स्वच्छता अभियान की पोल बस्तर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र खोल रहे हैं, जहां शौचालय ही नहीं हैं.

उन्होंने आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि जनवरी 2017 की स्थिति में कुपोषित बच्चों की संख्या 5,15,366 है. प्रदेश में 8071 आंगनबाड़ी केन्द्र भवनविहीन हैं, 34365 आंगनबाड़ी केंन्द्र विद्युतविहीन हैं, 17913 आंगनबाड़ी केन्द्र शौचालयविहीन हैं.

श्रीमती नेताम ने कांग्रेस भवन में महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशिला साहू के विभाग के कामकाज पर सवाल उठाए. उन्होंने आरोप लगाया कि महिलाओं, बच्चों एवं वृद्धजनों की सुरक्षा और संवर्धन की जिम्मेदारी सरकार की है प्रदेश में महिलाओं की स्थिति बेहद दयनीय है, बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. सरकार महिला सशक्तीकरण का लाख दावा करें कि मातृत्व सुरक्षा एवं शिशु सुरक्षा की दर छत्तीसगढ़ में काफी कम हुई है पर जमीनी हकीकत इसके बिलकुल विपरीत है.

उन्होंने कहा कि बच्चे समाज एवं देश के भविष्य हैं, लेकिन सरकार को इसकी चिंता नहीं है. कुपोषण से न सिर्फ बीमार हो रहे हंै, बल्कि बड़ी संख्या में उनकी मौते हो रही हैं. सरकार केवल आंकड़ा देकर समाज एवं प्रदेश को दिग्भ्रमित कर रही है. विभाग की सभी योजनाओं में कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है. बालगृहों, वृद्धाश्रमों, आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति खराब है.

उन्होंने कहा कि समाज की कुरीतियों और नकारात्मक सोच से लड़ने में सरकार पूरी तरह विफल है. महिलाएं एवं बच्चों पर अत्याचार बढ़ा है, नवाजतन, महतारीजतन, मुख्यमंत्री अमृत योजना पूरी तरह से नाकाम हो गई है. 1 हजार 333 करोड़ के बजट एवं केन्द्रीय सहायता के बाद भी सरकार की इच्छाशक्ति प्रदेश के बेबस, वृद्ध, कुपोषित बच्चों को लेकर विफल है. छत्तीसगढ़ की जनता भाजपा सरकार के इस रवैए से बेहद नाखुश है. यह सरकार केवल तिहार मनाने में व्यस्त है, लोगों की परवाह इस सरकार को नहीं है.

error: Content is protected !!