मालदीव: राष्ट्रपति चुनाव पर रोक
माले | एजेंसी: मालदीव में सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए दूसरे चक्र के मतदान पर रोक लगा दी. दूसरे चक्र के लिए अब 16 नवंबर को मतदान कराए जाएंगे. देश में चल रही गंभीर राजनीतिक लड़ाई के बीच उपराष्ट्रपति के इस्तीफा देने के बाद अदालत ने यह कदम उठाया है. नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 11 नवंबर की समय सीमा का अनुपालन करने के अंतिम प्रयास में विफल रहने के कारण उपराष्ट्रपति मोहम्मद वहीद दीन ने इस्तीफा दे दिया.
मालदीव के संविधान के मुताबिक, नए राष्ट्रपति को 11 नवंबर को शपथ ले लेना अनिवार्य था, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद चुनाव प्रक्रिया पूरी होने और नए राष्ट्रपति के सत्ता संभालने तक राष्ट्रपति बने रहेंगे.
दूसरी तरफ राष्ट्रपति चुनाव में आगे चल रहे पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने सत्ता हस्तांतरण का रास्ता आसान बनाने के लिए देश के वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद से इस्तीफे की मांग कर दी है.
नशीद ने संवाददाताओं से कहा, “यदि राष्ट्रपति वहीद चुनाव कराते हैं तो वह असंवैधानिक होगा और यह विषम स्थिति होगी. हम उम्मीद करते हैं कि वे सोमवार को इस्तीफा दे देंगे और संसद के अध्यक्ष को सरकार का मुखिया नियुक्त किया जाएगा, जिनके तहत चुनाव कराए जाएंगे. वे ही सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया की निगरानी करेंगे.”
सर्वोच्च न्यायाल ने रविवार को जारी अपने आदेश में कहा है कि दूसरे चक्र के मतदान को इसलिए स्थगित किया गया, क्योंकि प्रथम चक्र के मतदान में कई लोगों के संवैधानिक अधिकारों को नजरअंदाज किया गया है.
आदेश में कहा गया है कि अत: अदालत का मानना है कि 16 नवंबर चुनाव कराने की उपयुक्त तारीख होगी.
हवीरू ऑन लाइन वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, “अदालत जम्हूरी पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष मूसा अनवर ने सर्वोच्च न्यायालय से चुनाव पर रोक लगाने की मांग पर यह आदेश जारी किया है.”
शनिवार को हुए प्रथम चक्र के मतदान में नशीद को 46.93 प्रतिशत मत मिले, लेकिन चुनाव जीतने के लिए अनिवार्य 50 प्रतिशत मत से वे पिछड़ गए.
दूसरे चक्र में उनका मुकाबला दूसरे नंबर के प्रत्याशी और देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गयूम के सौतेले भाई अब्दुल्ला यामीन के साथ होगा.
हिंद महासागर में स्थित द्वीप देश में नए राष्ट्रपति को चुनने का यह तीसरा प्रयास था.
इससे पूर्व मतदाता सूची पर राजनीतिक झगड़े के कारण 19 अक्टूबर को पुलिस ने आखिरी समय में मतदान रोक दिया. मतदाता सूची पर यामीन और दूसरे प्रत्याशी गासिम इब्राहिम के दस्तखत नहीं थे.
दूसरे चक्र के मतदान में गासिम ने यामीन को समर्थन देने की घोषणा की है. प्रथम चक्र में गासिम को 23.34 प्रतिशत मत ही मिले थे.
प्रथम चरण के लिए 7 सितंबर को हुए मतदान में नशीद विजेता बनकर उभरे, लेकिन बाद में उसके परिणाम को सर्वोच्च न्यायालय ने निष्प्रभावी कर दिया. गासिम ने मतदान में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया था.