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पाक में मलाला आदर्श है, लश्कर नहीं

जयपुर | एजेंसी: पाकिस्तान में मलाला आदर्श है लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद नहीं. अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान के बारे में एक आदर्श स्थिति की कल्पना करते समय इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि उनका देश एक संक्रमण की स्थिति से गुजर रहा है. देश में लोकतंत्र की मजबूती के लिए और समय चाहिए.

जयपुर के साहित्यिक महोत्सव में हक्कानी ने कहा कि वर्ष 2013 के चुनाव के बाद पाकिस्तान में संसदीय लोकतंत्र के माध्यम से लोकतांत्रिक संक्रमण एक स्वागत योग्य कदम है.

उन्होंने कहा कि पहली बार पाकिस्तान में किसी सरकार ने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार 2008 में निर्वाचित हुई और उसने अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया. इस दौरान दो प्रधानमंत्री बने और 2013 के चुनाव में हार के बाद उसने शांतिपूर्वक पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज को सत्ता का हस्तांतरण कर दिया.

पत्रकार से राजनयिक बने 57 वर्षीय हक्कानी इस समय बोस्टन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और सेंटर आफ इंटरनेशनल रिलेशंस के निदेशक हैं.

हक्कानी ने कहा कि स्कूलों में घटते नामांकन, देश के सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में निर्यात का काफी कम होना, करों और राजस्व की वसूली में कमी पाकिस्तान की प्रमुख समस्याएं हैं.

हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान को और अधिक विचारधारा की नहीं वरन काम करने वाली सरकारों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की 95 प्रतिशत आबादी का जन्म विभाजन के बाद हुआ है और इसलिए अस्तित्व के भय का कोई मुद्दा नहीं है.

हक्कानी ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा के अधिकार के लिए गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हुई मलाला यूसुफजई पाकिस्तान की आदर्श है न कि लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद.

उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी लोकतांत्रिक ताकतें एकजुट होकर बहुलवादी पाकिस्तान के लिए काम करेंगी और आतंकवादियों तथा जेहादियों का अंत कर दिया जाएगा.

पाकिस्तान के भविष्य के बारे में पूछने पर हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान के भविष्य के बारे में उम्मीद बांधने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है.

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