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मकर संक्रांति 15 जनवरी को

रायपुर | समाचार डेस्क: पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी मकर संक्रांति पर्व पूरे भारत और नेपाल में अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है. यह पर्व आम तौर पर 14 जनवरी को पड़ता है, इसलिए कुछ लोगों ने गुरुवार को यह पर्व मनाया, लेकिन इस बार संक्रांति 15 तारीख को है. इसी दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है. मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ होती है. इस लिए इस पर्व को उत्तारायणी भी कहा जाता है.

भारत में त्योहारों की तिथियां चंद्र पंचांग यानी चंद्रमा की गति और उसकी कलाओं पर आधारित है. पंचाग में तिथि बढ़ोतरी व तिथि क्षय होने के कारण पर्वो का तिथियां अंग्रेजी कलेंडर से मेल नहीं खाती हैं. मकर संक्रांति पर्व प्राय: इसका अपवाद रहा है.

यह पर्व अक्सर 14 जनवरी को मनाया जाता है, क्योंकि भारतीय पर्व में संक्रांति का निर्धारण सूर्य की गति के अनुसार होता है. लेकिन वर्ष 2016 में यह पर्व 14 के बजाय 15 जनवरी को मनाया जाएगा.

हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो यह घटना संक्रमण या संक्रांति कहलाती है. पंचांग के आधार पर 2016 में सूर्य गुरुवार को आधी रात के बाद 1 बजकर 26 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेगा.

मान्यता है कि यदि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश शाम या रात्रि में होता है तो पुण्यकाल अगले दिन के लिए स्थानांतरित हो जाता है. पंचांग के अनुसार, 2016 में मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को सूर्योदय से लेकर शाम 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.

पुण्यकाल के स्थानांतरण की वजह से इस वर्ष संक्रांति का महत्व 15 जनवरी को रहेगा. यही कारण है कि इस वर्ष 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी. श्रद्धालु स्नान कर दान-पुण्य का लाभ प्राप्त करेंगे.

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