खनौरी बॉर्डर पर महापंचायत, किसानों का हुआ जमावड़ा
पटियाला|डेस्कः हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर शुक्रवार को किसानों की महापंचायत हुई. किसानों की मांगों को लेकर 40 दिनों से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को मंच पर स्ट्रेचर से लाया गया. उन्होंने स्ट्रेचर से ही किसानों को संबोधित किया. क्योंकि डल्लेवाल शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो गए हैं. वह खुद से उठ-बैठ नहीं पा रहे हैं. उनके इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए देश भर से किसान बड़ी संख्या में शामिल हुए.
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने देश के किसानों से बातचीत करने के लिए आज यानी 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर पहुंचने की अपील की थी.
जिसके चलते पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत कई राज्यों से किसान आज खनौरी बॉर्डर पहुंचे. कड़ाके की ठंड और कोहरे के बाद भी किसान बड़ी संख्या में महापंचायत में शामिल हुए.
इधर महापंचायत को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पहले से ही जींद जिले में बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी थी.
साथ ही मौके पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 21 कंपनियां तैनात थीं. इसके अलावा 20 बसें, 5 एंबुलेंस और वज्र वाहन भी तैनात थे.
7 लाख किसान कर चुके हैं आत्महत्या- डल्लेवाल
महापंचायत को किसान नेता डल्लेवाल ने लगभग 9 मिनट तक संबोधित किया. हालांकि वह बोलने में असमर्थ थे लेकिन उन्होंने किसानों को राम-राम कहकर संबोधन शुरू किया. उन्होंने कहा कि जो मैं लड़ाई लड़ रहा हूं यह लड़ाई मैं नहीं लड़ रहा. इसमें पूरे देश के किसान शामिल हैं. लड़ाई लड़ते-लड़ते अब यह सिर्फ एक शरीर दिख रहा है. यह ऊपर वाले की मर्जी है.
उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि करीब 4 लाख किसानों ने आत्महत्या की है लेकिन असल में अब तक सात लाख से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं. हम किसानों के नेता हैं, लेकिन किसी ने इन किसानों की मौत या आगे और आत्महत्याएं रोकने के लिए कुछ नहीं किया. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की जान बहुत महत्वपूर्ण है. उस दिन मैंने भी कहा था कि डल्लेवाल की जान तो महत्वपूर्ण है, लेकिन उन सात लाख किसानों के बच्चों का क्या होगा जो अब हमारे बीच नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्या की घटनाओं पर अंकुश लगना जरूरी है. पुलिस ने मुझे यहां से उठाने का प्रयास किया. जब लोगों को पता चला तो पंजाब-हरियाणा से सैकड़ों नौजवान हमारे पास पहुंचे और मोर्चा संभाला. आज जो लोग मोर्चे पर पहुंचे हैं, यह सिर्फ ऊपर वाले की कृपा है. सरकार जितना मर्जी जोर लगा ले हम मोर्चा जीत कर ही रहेंगे. मेरी किसानों से अपील है कि बड़ी संख्या में आगे आएं, जिससे आंदोलन को बल मिल सके.
13 फरवरी से हड़ताल पर हैं किसान
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं.
दिल्ली कूच करने से रोके जाने के बाद से ही किसान वहां डटे हुए हैं.
इस बीच कई बार किसान दिल्ली कूच करने की कोशिश करते रहे लेकिन हर उन्हें रोक दिया गया.
वहीं 70 वर्षीय डल्लेवाल ने लंबे उपवास के बावजूद अब तक कोई चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है, जिससे उनकी सेहत बिगड़ गई है.
केन्द्रीय कृषि मंत्री से हस्तक्षेप की मांग
पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने शनिवार को केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग करते हुए आग्रह किया कि केन्द्र को गतिरोध समाप्त करने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए.
उन्होंने चौहान से कहा कि केन्द्रीय मंत्री होने के नाते उन्हें इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लेनी चाहिए.
बता दें कि केन्द्रीय कृषि मंत्री चौहान शनिवार को राज्यों के कृषि मंत्रियों को संबोधित कर रहे थे.
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में शामिल हुए.पंजाब के कृषि मंत्री खुड्डियां ने आंदोलनरत किसानों से जुड़ा मामला उठाया.