पास-पड़ोस

मप्र में फिर जल सत्याग्रह शुरू

भोपाल | एजेंसी: मध्य प्रदेश में इंदिरा सागर बांध के प्रभावितों ने एक बार फिर जल सत्याग्रह का रास्ता अपनाया है. पीड़ितों ने रविवार से जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है. वे अपना हक पाने के लिए नर्मदा नदी में ही जल समाधि लेने की जिद पर अड़ गए हैं. वहीं प्रशासन इन सत्याग्रहियों को गिरफ्तार कर जेल भेज रहा है.

इंदिरा सागर परियोजना से खंडवा, देवास और हरदा जिले के कई गांव डूब क्षेत्र में आ गए हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहने के आसार हैं. यहां के सैकड़ों परिवारों का जीवन संकट में है. वे अपना हक चाहते हैं और वह भी पुनर्वास नीति के तहत. बीते वर्ष भी प्रभावितों ने जल सत्याग्रह किया था. तब राज्य सरकार ने मंत्रियों की समिति बनाकर उनका हक दिलाने का भरोसा दिलाया था, मगर अब तक उस पर अमल नहीं हुआ है.

नर्मदा बचाओ आंदोलन के आलोक अग्रवाल के मुताबिक इंदिरा सागर से 254 गांव प्रभावित हुए हैं. जमीन के बदले जमीन की नीति होने के बावजूद एक भी प्रभावित को जमीन दिए बिना बहुत थोड़ा मुआवजा देकर उजाड़ दिया गया. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 85 प्रतिशत से अधिक किसान कोई जमीन नहीं खरीद पाए और भूमिहीन बन गए हैं.

आंदोलनकारियों का आरोप है कि सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय की रोक के बावजूद इंदिरा सागर परियोजना का जल स्तर 260 मीटर से बढ़ाकर 262 मीटर तक भरने की तैयारी है. प्रभावितों की मांग है कि किसानों को जमीन के बदले जमीन और न्यूनतम पांच एकड़ जमीन दी जाए. मजदूरों को ढाई लाख रुपये का अनुदान दिया जाए ताकि किसान और मजदूर विस्थापन के बाद अपना जीवन और जीविका बेहतर ढंग से चला सकें. अग्रवाल की मांग है कि डूब से प्रभावित हजारों खेतों और मकानों का भूअर्जन किया जाए, सम्बंधित हजारों परिवारों का संपूर्ण पुनर्वास किया जाए और इंदिरा सागर बांध का जल स्तर 260 मीटर के ऊपर न ले जाया जाए.

सरकार द्वारा किए गए वादे के मुताबिक प्रभावितों को लाभ न मिलने और बांध को 262 मीटर तक भरने की चल रही कोशिशों ने ग्रामीणों को एक बार फिर आंदोलित कर दिया है. यही कारण है कि वे फिर नर्मदा के जल में जा बैठे हैं.

परियोजना प्रभावितों का दूसरे दिन सोमवार को भी जल सत्याग्रह जारी है. खंडवा के मालूद, हरदा के बिछोला और देवास के मेल पिपलिया गांव के सैकड़ों प्रभावित जल सत्याग्रह कर रहे हैं. इससे पहले प्रशासन ने इस आंदोलन को खत्म कराने के मकसद से रविवार को बड़ी संख्या में सत्याग्रहियों को गिरफ्तार किया.

खंडवा जिले के डूब के गांव बडखालिया में पुलिस ने रविवार को बल प्रयोग किया और आन्दोलन की प्रमुख कार्यकर्ता चित्तरूपा पालित को गिरफ्तार कर इंदौर भेजा. सोमवार को भी जल सत्याग्रह स्थलों पर भारी पुलिस बल की तैनाती है. इसके बावजूद सत्याग्रही आंदोलन कर रहे हैं.

आंदोलन के आलोक अग्रवाल ने बताया है कि सरकार प्रभावितों के प्रति सहानुभूति दिखाने की बजाय उनके साथ दमनात्मक कार्रवाई कर रही है. प्रभावित परिवार शांतिपूर्वक जल सत्याग्रह कर रहे हैं और पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज रही है.

गौरतलब है कि राज्य के बांध प्रभावितों ने बीते वर्ष भी जल सत्याग्रह किया था और यह एक पखवाड़े तक चला था. इससे कई सत्याग्रहियों की खाल तक गलने लगी थी और उसके बाद सरकार हरकत में आई थी.

error: Content is protected !!