मप्र: छात्राओं के मिनी स्कर्ट पर रोक
भोपाल | समाचार डेस्क: भोपाल के इंजीनियरिंग कॉलेज के परिसर एवं छात्रावास में मिनी स्कर्ट पर बैन लगाने का छात्राओं ने विरोध किया. प्रबंधन ने छात्राओं के छात्रावास लौटने का तय समय भी आधा घंटा पहले कर दिया है जिससे उन्हें रात में प्रवेश नहीं दिया जाता है और लॉबी में ही रात गुजारनी पड़ती है. घुरुवार को भोपाल के मौलाना आजाद इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्राओं ने प्रबंधन की इस मनमानी के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रबंधन ने छात्राओं के इस विषय में किसी से बात करने पर भी पाबंदी लगी रखी है. जाहिर है कि देश के इकलौते खुशहाली मंत्रालय वाले मध्यप्रदेश सरकार के मंत्रालय के पास इसे देखने का वक्त नहीं है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया था कि खुशहाली मंत्रालय से “लोगों को अच्छी शिक्षा मिले, शिक्षण संस्थाओं का वातावरण अच्छा हो, विपरीत परिस्थितियों में लोग हौसला न छोड़ें, ऐसी व्यवस्था की जायेगी.”
लोगों को अच्छी शिक्षा मिले, शिक्षण संस्थाओं का वातावरण अच्छा हो, विपरीत परिस्थितियों में लोग हौसला न छोड़ें, ऐसी व्यवस्था की जायेगी।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) 1 अप्रैल 2016
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मेनिट) के छात्रावास में रात साढ़े नौ बजे तक प्रवेश देने का समय तय करने और शॉर्ट-स्कर्ट पहनने पर रोक के निर्देशों के खिलाफ छात्राओं ने गुरुवार को जमकर हंगामा किया. वहीं छात्राओं के विरोध प्रदर्शन के मसले पर मेनिट प्रबंधन कोई बात करने को तैयार नहीं है.
छात्राओं ने संवाददाताओं को बताया कि उन्हें रात साढ़े नौ बजे के बाद छात्रावास में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है, वे कोचिंग जाती हैं. उनकी कई सहेलियां प्लेसमेंट की तलाश में देर से छात्रावास लौट पाती हैं. इस स्थिति में उन्हें कई बार रात लॉबी में ही गुजारना पड़ती है. इतना ही नहीं, चौकीदार तक फब्तियां कसते हैं.
बताया गया है कि छात्राओं को इससे पूर्व साढ़े 10 बजे तक छात्रावास में प्रवेश दिया जाता था, पिछले दिनों ही समय में बदलाव किया गया. इससे छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. छात्राओं का कहना है कि बारिश होने की वजह से उन्हें छात्रावास पहुंचने में कई दफा देरी हो जाती है.
प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगाने वाली छात्राओं ने नाम का खुलासा न किए जाए का आग्रह किया है, क्योंकि प्रबंधन ने उन्हें इस मसले पर किसी से भी बात न करने की हिदायत दी है.
वहीं छात्राओं का कहना है, “प्रबंधन ने छात्रावास और परिसर में शॉर्ट-स्कर्ट पहनने पर भी रोक लगा दी है. हमें छात्रावास में रहते हुए क्या पहनना चाहिए यह प्रबंधन को तय करने का अधिकार नहीं है.”
छात्राओं ने अपने विरोध में पूरे दिन प्रदर्शन किया, अध्यापन कार्य में हिस्सा नहीं लिया और नारेबाजी करती रहीं. छात्राओं का कहना है कि प्रबंधन छात्र और छात्राओं के साथ अलग-अलग व्यवहार कर रहा है, छात्र तो पूरी रात घूमते रहते हैं, उन पर किसी का जोर नहीं चल रहा, मगर छात्राओं को बेवजह परेशान किया जा रहा है.
वहीं छात्राओं के प्रदर्शन और प्रबंधन जारी आदेश के संदर्भ में संपर्क किया गया, मगर कोई भी बात करने के लिए उपलब्ध नहीं हुआ.