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घर में मयखाना, मप्र सरकार बैकफुट पर

भोपाल | समाचार डेस्क: मध्यप्रदेश सरकार बड़े लोगों को घर में मयखाना देने के अपने फैसले से पीछे हट सकती है. मध्यप्रदेश की नई आबकारी नीति के तहत आयकरदाताओं को लाइसेंस लेकर 100 बोतल तक शराब घर में रखने की छूट पर विरोध के बाद सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा है. सरकार इस फैसले पर फिर से विचार करेगी. राज्य की वर्ष 2016-17 की नई आबकारी नीति में प्रावधान किया गया है कि दस लाख रुपये से ज्यादा आमदनी वाले आयकरदाता लाइसेंस हासिल कर अपने घर में सौ बोतल तक शराब रख सकते हैं. यह सुविधा प्राप्त करने के लिए उन्हें 10 हजार रुपये खर्च करने होंगे. सरकार का यह फैसला आने के बाद विभिन्न वर्गो ने विरोध जताया और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए.

वाणिज्यिक कर मंत्री जयंत मलैया ने गुरुवार को इंदौर में आबकारी विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कहा कि अधिकारियों से फीडबैक लेकर आयकरदाताओं को100 बोतल शराब रखने की छूट की पुनसर्मीक्षा की जाएगी.

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य शासन द्वारा शराब की बिक्री पर सामाजिक दायित्व कर लगाया जाएगा. साथ ही मनोरंजन कर वसूली को वाणिज्यिक कर विभाग से वापस लेकर आबकारी विभाग को दिया जाएगा.

राज्य शासन की आबकारी नीति की हर साल समीक्षा की जाती है. आय के साथ-साथ सामाजिक दायित्व तथा कानून-व्यवस्था का भी ध्यान रखना पड़ता है. आबकारी विभाग द्वारा शराब दुकान के समीप अहाते रखने का प्रयोग सफल रहा है. इन अहातों को सुविधा सम्पन्न और पार्किंग युक्त बनाया जाएगा.

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