मधेसी नाकेबंदी हटी, ओली भारत आयेंगे
काठमांडू | समाचार डेस्क: मधेसी नाकेबंदी हटा लेने के बाद अब नेपाल के प्रधानमंत्री ओली भारत यात्रा के लिये राजी हो गये हैं. उल्लेखनीय है कि ओली ने कहा था कि सीमा पर नाकेबंदी रहते वे भारत की यात्रा नहीं करेंगे. नेपाल-भारत सीमा पर छह माह पुरानी नाकेबंदी मधेशी संगठनों ने हटा ली है और उच्चस्तरीय द्विपक्षीय यात्राओं ने इस महीने के आखिर में नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली की भारत यात्रा के लिए रास्ता साफ कर दिया है.
बीते साल 11 अक्टूबर को पद संभालने के बाद ओली की यह पहली विदेश यात्रा होगी. उनकी कुछ बातों से इस यात्रा को लेकर संशय पैदा हो गया था. 26 जनवरी को संपादकों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा था कि उनके लिए यह उचित नहीं होगा कि सीमा पर नाकेबंदी के बीच वह भारत की यात्रा पर जाएं.
लेकिन, इस महीने के घटनाक्रम ने दोनों देशों के रिश्तों को फिर से सामान्य होने की दिशा में मोड़ दिया है.
नेपाल के वित्तमंत्री विष्णु पौडल की 7-8 फरवरी की दिल्ली यात्रा और नेपाल के सेना प्रमुख राजेंद्र छेत्री को भारतीय सेना के मानद जनरल रैंक से नवाजे जाने के बाद साफ हो गया है कि दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर लौट रहे हैं.
मधेसी प्रदर्शनकारियों ने भी आठ फरवरी को सीमा पर से नाकाबंदी हटाने की घोषणा की. ओली की भारत यात्रा की राह की सबसे बड़ी अड़चन, इस नाकेबंदी के हटने के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ताओं की राह आसान हो गई.
इससे पहले मधेसी समुदाय के आंदोलन के दबाव में नेपाल सरकार ने नए संविधान में दो संशोधन किए. इनके जरिए मधेसियों की आनुपातिक प्रतिनिधित्व और जनसंख्या के हिसाब से संसदीय सीटों के आवंटन की मांग मान ली गई.
नेपाल-भारत की रक्सौल-बीरगंज सीमा पर रास्ता खुलने से ओली की यात्रा की प्रक्रिया और आगे बढ़ी. इसी रास्ते से दोनों देशों के बीच का 70 फीसदी व्यापार होता है.
ओली के करीबी माने जाने वाले वित्तमंत्री पौडल की भारत यात्रा से यह संकेत भी मिला है कि ओली की भारत यात्रा के दौरान जोर आर्थिक मुद्दों पर रहेगा.
पौडल ने मंगलवार को भारत यात्रा से लौटने के बाद काठमांडू में संवाददाताओं से कहा कि नेपाल और भारत के रिश्ते नई ऊंचाइयों तक पहुंचे हैं और दोनों देशों के बीच की गलतफहमियां खत्म हो गई हैं.
अधिकारियों का यहां कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोईराला के निधन पर विदेशमंत्री सुषमा स्वराज का उन्हें श्रद्धांजलि देने यहां आना और यहां ओली से मिलना भी रिश्तों को सामान्य बनाने में काफी मददगार साबित हुआ है.
ओली के विदेश मामलों के सलाहकार गोपाल खनल ने कहा था कि दोनों पक्षों ने इस महीने होने वाली ओली की यात्रा पर विचार-विमर्श किया. बताया गया है कि सुषमा ने ओली से कहा कि भारत में उनके स्वागत की प्रतीक्षा की जा रही है.