मजदूरी करने मजबूर एमए छात्रा
भाजपा शासित छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी का आलम यह है कि स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त युवा भी मनरेगा में काम कर रहे हैं. यूं तो जीवन में सफलता प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले के लिए कभी भी कोई कार्य छोटा नहीं होता, लेकिन यह भी विडंबना है कि सुविधाहीन परिवार के पढ़े-लिखे युवा बेरोजगार घूम रहे हैं और कम पढ़े-लिखे और पहुंच वाले सरकारी नौकरी कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं. ऐसे ही एक एमए की परीक्षा दे चुकी छात्रा सुमन भारती है जो मनरेगा कार्य में मिट्टी खोदने और उसे फेंकने का काम कर रही है. उसके मां-बाप भी मजदूरी करते हैं.
बलौदाबाजार जिले के बुड़गहन पंचायत के महज 500 की आबादी वाले गांव धोबनीडीह में चल रहे मनरेगा कार्य में कोलंबिया कॉलेज रायपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के पांच सेमेस्टर पास तखतराम वर्मा व भाटापारा से कंप्यूटर ऑपरेटर कोर्स कर रहीं व एमए की परीक्षा दे चुकी युवती सुमन भारती अपने माता-पिता के कार्य में हाथ बंटाते हुए मिट्टी खोदने व उसे सिर पर उठाकर फेंकने में जुटे हुए हैं.
सुमन ने कहा कि जिस कार्य को करते हुए हमारे मां-बाप ने हमें पढ़ाया-लिखाया और इस मुकाम पर लाकर खड़ा किया है, उनके हाथ बंटाने या सहयोग करने में हमें संकोच करने का कोई कारण नहीं दिखाई देता.
सुमन भारती के पिता हनुमत वर्मा व तखतराम के पिता भैयाराम वर्मा बमुश्किल एक-डेड़ एकड़ जमीन वाले किसान हैं. अपने बच्चों को अच्छी तालीम के साथ उन्होंने अच्छे संस्कार भी दिए हैं. दोनों का कहना है, “हमें अपने बच्चों पर गर्व है. हमारे पास जो संस्कार हैं, उन्हें प्रदान किया. इतने पढ़े-लिखे होने के बावजूद वे हमारे काम में हाथ बंटाते हैं. करें भी क्या, कहीं रोजगार ही नहीं मिलता.”
मनरेगा रोजगार सहायक जेठचंद ने बताया कि मौहाखार से अड़बंधा तालाब तक 2.37 लाख रुपये की लागत से नाली निर्माण कार्य बुधवार से चल रहा है. इसमें 247 मजदूर कार्यरत हैं. यह कार्य केवल 6 दिन ही चल पाएगा. आगामी कार्य के लिए स्वीकृति नहीं मिल पाई है. पिछले सत्र में भी अधिकांश मजदूर केवल 50-60 दिन का काम ही कर पाए थे.
उन्होंने बताया कि बंगला तालाब, डबरी तालाब मुख्य मार्ग में धोबनीडीह खार तक टार नाली निर्माण के लिए प्रस्ताव किया गया है जबकि कन्हार व अड़बंधा तालाब गहरीकरण का कार्य किया जा चुका है.