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तेलंगाना को लोकसभा की हरी झंडी

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: आंध्र प्रदेश का विभाजन कर तेलंगाना के गठन को लोकसभा से हरी झंडी मिल गई है.

मंगलवार को भारी हंगामे के बीच लोकसभा में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया. मतदान के दौरान तेलंगाना का विरोध कर रहे आंध्र प्रदेश के सांसदों और कुछ विपक्षी पार्टियों ने अपना विरोध जताया लेकिन भाजपा का समर्थन मिलने से कांग्रेस इस बिल को पास करा पाई.

लोकसभा में बिल पर मतदान होने से पहले सदन के सभी दरवाजे बंद कर दिए गए थे जिससे तेलंगाना विरोध कर रहे निलंबित सांसद बिल में अडंगा ना डाल सके.

इसके बावजूद वोटिंग के दौरान मार्क्ससवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्य और कांग्रेस के एक कैबिनेट मंत्री सहित विधेयक के विरोधी सदस्य लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के आसन के नजदीक पहुंच गए और आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. लेकिन अध्यक्ष ने इसकी अनदेखी कर दी.

वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाईएसआर जगनमोहन रेड्डी ने इसे देश के इतिहास का काला दिन करार दिया और बुधवार को आंध्र प्रदेश बंद रखने का आह्वान किया. उन्होंने मीडिया से कहा, “संसद में आज यह विधेयक आंध्र प्रदेश विधानसभा और राज्य की जनता की इच्छा के बगैर पारित हुआ है.”

जगन ने कहा, “हमने आज देखा कि कैसे अलोकतांत्रिक तरीके से एक विधेयक पारित हुआ. जिस तरह से कार्यवाही हुई, जिस तरह से लोकसभा अध्यक्ष ने ‘हां’ और ‘ना’ कहा, इससे यह स्पष्ट हो गया कि कैसे लोकतंत्र की दिनदहाड़े हत्या हो सकती है.”

सपा, बसपा, जदयू, तृणमूल कांग्रेस आदि पार्टियों ने भी इसे अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा है कि सदन में सरकार ने उनसे बिल पर राय नहीं मांगी बल्कि एकतरफा फैसला सुनाया है.

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