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दिल्ली में लोकपाल को हरी झंडी

नई दिल्ली |संवाददाता: दिल्ली में जल्दी ही लोकपाल काम करेगा.अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल ने ‘दिल्ली जनलोकपाल विधेयक’पारित कर दिया है. इस विधेयक को जल्दी ही विधानसभा में पेश कर दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बारे में ट्वीट करके जानकारी दी. इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली कैबिनेट की बैठक में जनलोकपाल पर विस्तार से चर्चा हुई थी.

दिल्ली सरकार ये प्रस्ताव पारित करने के लिए 13 से 16 फ़रवरी के बीच विधान सभा सत्र बुला रही है. ये सत्र दिल्ली के इंदिरा गाँधी स्टेडियम में आयोजित करने की योजना है जिससे आम लोगों को भी वहाँ बुलाया जा सके. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली के मौजूदा लोकायुक्त को निष्प्रभावी बताते हुए एक प्रभावशाली जन लोकपाल बनाने की बात की है.

सरकार का प्रस्ताव है कि ये जन लोकपाल स्वतंत्र लोगों का एक दल चुनेगा. मुख्यमंत्री, सभी विधायक और नौकरशाहों को इस लोकपाल के तहत लाने की योजना है. न्यायपालिका को इससे बाहर रखा गया है. दिल्ली के चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने ये मुद्दा काफ़ी ज़ोर-शोर से उछाला था. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले केजरीवाल ने कहा था कि वह सरकार बनाने के 15 दिन के भीतर जनलोकपाल विधेयक पारित करेंगे.

केजरीवाल ने कहा था, “सारी अड़चनें दूर करेंगे, ऐसे ही चुप नहीं बैठेंगे. पंद्रह दिन में जनलोकपाल पारित करके दिखाएंगे.”

जनलोकपाल के रास्ते में आने वाले संवैधानिक संकट के सवाल पर केजरीवाल ने कहा, “हम संकट दूर कर लेंगे और जनलोकपाल पास करके दिखाएंगे.”

इस लोकपाल विधेयक में निम्न प्रावधान हैं-

– दिल्ली में एक लोकपाल और 10 सदस्य होंगे
– लोकपाल का चयन 7 सदस्यों की कमिटी करेगी, जिसका अध्यक्ष मुख्यमंत्री होगा. इसमें विधानसभा में विपक्ष का नेता और दो हाई कोर्ट जज भी शामिल होंगे.
– लोकपाल और उसके सदस्य सात साल तक पद पर रहेंगे
– मुख्यमंत्री और सामान्य अधिकारी के खिलाफ जांच की प्रक्रिया एक ही रहेगी
– पद छोड़ने के बाद लोकपाल और उसके सदस्य पांच साल तक न तो कोई सरकारी पद लेंगे और न चुनाव लड़ेंगे
– लोकपाल किसी भी अधिकारी को सस्पेंड कर सकता है
– संपत्ति जब्त कर सकता है
– एसीपी तक के स्तर के अधिकारी के खिलाफ वॉरंट जारी कर सकता है
– लोकपाल सदस्यों के खिलाफ शिकायत के लिए भी प्राधिकरण बनाया जाएगा जिसमें 2 से 5 सदस्य होंगे
– विशेष लोकपाल अदालतें होंगे जो छह महीने में सुनवाई पूरी करेंगी
– दोषी को 6 महीने से उम्र कैद तक की सजा हो सकती है
– दोषी पर नुकसान कां पाच गुना तक जुर्माना किया जा सकेगा
– गलत शिकायत की तो 5 लाख तक जुर्माना.

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