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लोहारीडीह हत्याकांडः कब्र खोदकर निकाला जाएगा कचरू साहू का शव

जबलपुर| डेस्कः छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित लोहारीडीह हत्याकांड में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मृतक शिव प्रसाद उर्फ कचरू साहू के शव को कब्र से खोदकर निकालकर पुनः पोस्टमार्टम कराए जाने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए मामले में लापरवाही बरतने पर गहरी नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट के इस निर्णय से इस हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है.

शुक्रवार को जबलपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और न्यायमूर्ति विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने कहा है कि शिव प्रसाद साहू की लाश परिजनों की मौजूदगी में कब्र से खोदकर विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम से दोबारा पोस्टमार्टम कराई जाए.

इसके बाद पीएम रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दी थी छूट

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को मध्यप्रदेश में याचिका दायर करने की छूट दी थी.

याचिकाकर्ता ने पोस्टमार्टम की मांग को लेकर मध्यप्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी.

पहले सिंगल बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद सिंगल बेंच के निर्णय को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में याचिका दायर की थी.

इसके बाद डिवीजन बैंच ने यह आदेश दिया है.

मृतक की बेटी के वकील विवेक तन्खा ने हाईकोर्ट में यह दलील दी कि पुलिस की जांच में कई स्तर पर गंभीर गलती हुई है.

उन्होंने इस मामले की स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की थी. साथ ही विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच का आदेश देने कहा था.

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा था कि पुलिस की कार्रवाई में एकरुपता नहीं रही है. पहले इसे फांसी से मौत बताया गया था. उसके बाद इसे हत्या का मामला मानते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया गया.

एक सप्ताह में तीन लोगों की हुई थी मौत

दरअसल छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के लोहारीडीह में एक सप्ताह के अंदर तीन लोगों की अलग-अलग वजह से मौत हो गई थी.

15 सितंबर को लोहारीडीह गांव के रहने वाले शिवप्रसाद साहू का शव मध्यप्रदेश के बालाघाट जिला अंतर्गत बोरसी थाना क्षेत्र के जंगल में पेड़ पर फांसी पर लटकता हुआ मिला था.

शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने हत्या के शक पर पूर्व सरपंच रघुनाथ साहू के घर को आग लगा दी थी.

इस आग जनी में रघुनाथ साहू की जलने से मौत हो गई थी. वहीं इस मामले में पुलिस ने 33 महिला समेत 69 ग्रामीणों को हत्या के शक में गिरफ्तार किया था.

दूसरी ओर शुरूआती जांच में बोरसी पुलिस ने शिवप्रसाद की मौत को आत्महत्या कहा था.

इसके बाद 16 अक्टूबर को बालाघाट पुलिस ने खुलासा किया था कि शिवप्रसाद साहू की हत्या कर उसके शव को फांसी पर लटका दिया था.

हत्या के आरोप में बंद युवक की जेल में मौत

इसी बीच 19 सितंबर को हत्या के आरोप में बंद प्रशांत साहू की जेल में मौत हो गई थी.

मृतक के शरीर पर गहरे चोट के निशान थे. ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि प्रशांत साहू की मौत पुलिस पिटाई के चलते जेल में मौत हुई है.

इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए कबीरधाम जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईपीएस विकास कुमार को निलंबित कर दिया था.

वहीं रेंगाखार थाने के निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक सहित वहां पदस्थ कुल 23 पुलिसकर्मियों को भी हटा दिया था.

इसके अलावा कबीरधाम एसपी और कलेक्टर पर भी गाज गिरी थी. दोनों का ट्रांसफर कर दिया गया था.

अब फिर से शव का पीएम होने से आने वाले समय में बड़ा खुलासा हो सकता है.

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