शराब घोटालाः कवासी लखमा गिरफ्तार
रायपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ईडी ने बुधवार को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है.
कवासी लखमा बुधवार को तीसरी बार ईडी के दफ्तर में पूछताछ के लिए पहुंचे थे. पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
गिरफ़्तारी के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें एक सप्ताह की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया गया.
इससे पहले भी ईडी की टीम ने दो बार कवासी लखमा से करीब 8-8 घंटे तक पूछताछ की थी.
कवासी लखमा 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा के शराब घोटाला मामले में आरोपी हैं.
छत्तीसगढ़ में जब शराब घोटाले का मामला सामने आया था उस समय कांग्रेस की सरकार में कवासी लखमा आबकारी विभाग के मंत्री थे.
ईडी की टीम ने दिसंबर में कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी समेत उनके कुछ करीबियों के यहां छापा मार कार्रवाई की थी. इस दौरान ईडी की टीम को कुछ अहम सुराग मिले थे.
इसके बाद कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी को ईडी की टीम ने दो बार 3 और 9 जनवरी को पूछताछ के लिए रायपुर ईडी दफ्तर बुलाया गया था.
कवासी लखमा से उनसे संपत्ति का ब्यौरा भी मांगा गया था.
इसके बाद आज बुधवार को ईडी के अधिकारियों ने कवासी लखमा को पूछताछ के लिए सीए के साथ बुलाया था, लेकिन आज कवासी लखमा अकेले ही ईडी दफ्तर पहुंचे थे.
कवासी लखमा ने बताया कि उनके सीए किसी काम से बाहर गए हैं जिस कारण से वह नहीं आए हैं.
दफ्तर के अंदर जाने से पहले आज कवासी लखमा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि ईडी की टीम मुझे जितनी बार बुलाएगी मैं जाऊंगा. मैं कानून का सम्मान करने वाला आदमी हूं. देश कानून के हिसाब से चलता है. अगर कानून के हिसाब से बुलाएंगे तो मैं एक बार क्या जब तक जिंदा रहूंगा तब तक आता रहूंगा.
ईडी को मिले कई सबूत
कवासी लखमा के घर छापा के बाद ईडी ने अपने अधिकारिक बयान में कहा था कि कवासी लखमा के खिलाफ सबूत मिले हैं.
वहीं ईडी की पूछताछ के दौरान कवासी लखमा ने कहा था कि घोटाला हुआ है या फिर नहीं मुझे इसकी जानकारी नहीं है. मैं अनपढ़ आदमी हूं. अधिकारी जहां कहते थे मैं दस्तखत कर देता था.
ईडी की टीम ने छापे के बाद से कवासी लखमा का मोबाइल को भी जब्त कर रखा था.
कहा जा रहा था कि मोबाइल से ईडी की टीम डाटा खंगाल रही है. मोबाइल से भी अहम सुराग मिल सकते हैं.
हालांकि ईडी ने आधिकारिक तौर पर पूछताछ के संबंध में कुछ नहीं बताया था.
क्या है शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच ईडी कर रही है. जिसकी ईडी ने एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई है.
ईडी के अनुसार यह करीब दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला है.
ईडी को जांच में पता चला है कि भूपेश बघेल की सरकार में आईएसएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट ने इस घोटाले को अंजाम दिया है.
इस मामले में अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी सहितकई आरोपी जेल में बंद हैं.