लालू यादव चारा घोटाले के दोषी
रांची | एजेंसी: बहुचर्चित चारा घोटाला में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया है.
रांची में सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश पी.के. सिंह ने लालू प्रसाद यादव को दोषी करार देते हुए कहा है कि उन्हें सजा तीन अक्टूबर को सुनाई जाएगी.
पशुपालन विभाग के करोड़ों रुपये के चारा घोटाला के इस चर्चित मामले में पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र सहित इस विभाग के मंत्रियों, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के दो अधिकारियों और अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था. उन पर झारखंड के चाइबासा जिला कोषागार से 37.70 करोड़ रुपये को फर्जी तरीके से निकालने का आरोप लगा था. लालू प्रसाद के वकील ने 17 सितंबर को मामले में जिरह पूरी की थी.
इधर दागी व सजायाफ्ता सांसदों व विधायकों का बचाव करने वाले केंद्र सरकार के अध्यादेश को कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा बकवास करार देने के बाद लालू प्रसाद और उनके भविष्य के लिए यह फैसला महत्वपूर्ण हो गया है. ऐसी संभावना है कि इस अध्यादेश को वापस लिया जा सकता है. इस अध्यादेश के अनुसार दोषी सांसदों एवं विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा.
इस मामले में 56 लोगों को आरोपी बनाया गया था. लेकिन सुनवाई के दौरान सात आरोपियों की मौत हो गई, दो सरकारी गवाह बन गए, एक ने अपराध कबूल कर लिया और एक को आरोप से मुक्त कर दिया गया.
न्यायाधीश पी.के.सिंह ने 15 जुलाई को फैसले का दिन मुकर्रर किया था और 45 शेष आरोपियों से अदालत में पेश होने के लिए कहा था.
लालू प्रसाद ने झारखंड उच्च न्यायालय और इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली थी और इस मामले में न्यायाधीश बदले जाने की अपील की थी. दोनों न्यायालयों ने इस अपील को खारिज कर दिया था और उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए गए थे.
1996 में हुए इस घोटाले की सीबीआई जांच में लालू प्रसाद का नाम आने पर उन्होंने 1997 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
नवंबर 2000 में बिहार के विभाजन के बाद इस संबंध में 61 में से 54 मामले झारखंड स्थानांतरित कर दिए गए थे. सीबीआई की विभिन्न अदालतों ने 43 से अधिक मामलों में फैसला सुना दिया है. लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र को पांच मामलों में आरोपी बनाया गया था.