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लखमा ने शराब घोटाला नहीं कबूला, उल्टा अधिकारियों से पूछे सवाल

रायपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश से ईडी की टीम ने करीब 8 घंटे तक पूछताछ की लेकिन कवासी लखमा ने शराब घोटाला कबूल नहीं किया. लखमा का दावा है कि उल्टा उन्होंने ईडी के अधिकारियों से ही सवाल पूछा है कि प्रदेश में तीन कंपनियां शराब बनाती थी. शराब घोटाला हुआ है तो उन कंपनियों के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं हुई. उनके ऊपर भी जांच करना चाहिए. वहीं लखमा ने अंदर की कुछ बातों को बताने से मना कर दिया.

ईडी द्वारा लंबी पूछताछ के बाद बाहर आने के बाद कवासी लखमा ने कहा कि ईडी ने दोनों से शराब और संपत्ति से जुड़े सवाल पूछे. मैंने प्रॉपर्टी से जड़े कुछ दस्तावेज ईडी को सौंपा है, जो ईडी ने मुझसे मांगे थे. अब बेटे और बहू की संपत्ति का ब्यौरा मांगा है. इसकी डिटेल उपलब्ध करवाने के लिए कुछ समय मांगा है. जिसे 2 से 4 दिनों के अंदर सौंप दूंगा.

लखमा ने बताया कि अंदर अफसरों ने चाय-नाश्ता पूछा. किसी भी जानकारी के लिए विशेष दबाव नहीं डाला. इसलिए अंदर कोई परेशानी नहीं हुई. ना ही किसी भी अधिकारी ने मेरे साथ बदतमीजी की.

विधानसभा में सवाल पूछना पड़ा महंगा

हालांकि कवासी लखमा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि विधानसभा में मुझे सवाल पूछना भारी पड़ गया. मैं गरीब आदिवासी नेता हूं और आदिवासियों के लिए हमेशा आवाज उठाता रहा हूं. उसी से नाराज होकर भाजपा ने मुझे परेशान करने के लिए आरोप लगाए हैं. लेकिन मैं भी हार मानने वाला नहीं हूं. इसकी लड़ाई अंतिम तक लडूंगा. जब तक जिंदा रहूंगा, आदिवासियों के लिए लड़ता रहूंगा.

उन्होंने कहा कि विधानसभा में मैंने बस्तर के गरीब आदिवासियों से जुड़े कई मुद्दे को उठाया था. एनएमडीसी, बैलाडीला और सालवा जुड़ूम की वजह से विस्थापितों का मुद्दा उठाया. इस वजह से यह सब हुआ.

शराब बनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई क्यों नहीं

साथ ही कवासी लखमा ने कहा कि अंदर जो बात हुई उसे सार्वजनिक करना ठीक नहीं है. मैं कानून व्यवस्था मानने वाली पार्टी कांग्रेस से हूं और मैं कानून को मानता हूं. लेकिन मैंने ईडी के अधिकारियों से एक सवाल करते हुए मांग की है कि शराब घोटाला हुआ है तो शराब बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. उस समय तीन शराब कंपनियां थीं. अगर वे दो नंबर की शराब बनाकर बिक्री की है तो उनके खिलाफ भी जांच होने चाहिए.

वहीं कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी मीडिया के सवालों से बचते दिखे. अंदर की बातचीत के बारे में कुछ नहीं बताया.

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