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कोसागाई माँ की मूर्ति खंडित हालत में मिली

कोरबा | अब्दुल असलम: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पुरातात्विक महत्व के कोसगईगढ़ स्थित कोसगई मंदिर में देवी प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने के बाद देवी की मुर्ति को पीछे पहाड़ में फेंक दिया गया.

ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने तहकीकात करते हुए खंडित हालत में मूर्ति बरामद कर ली है. घटना के बाद से इलाके के ग्रामीण आक्रोशित है. फिलहाल पुलिस ने मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश तेज कर दी है.

ये वो इलाका है जहां छूरी के राजघाराने की कुल देवी मां कोसगई निवास किया करती थी. लेकिन कुछ बदमाशों की वजह ने आज भगवान के मंदिर को ही अपना निशाना बना दिया है. कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर बांगो थाना के अंतर्गत स्थित कोसगईगढ़ में मां कोसगई का मंदिर है, यहां पिछली रात अराजक तत्वों ने मंदिर के कई हिस्सों में आग लगा दी. इतना ही नहीं बदमाशों ने मंदिर में करीब 800 साल पुरानी स्थापित देवी मां की मूर्ति को भी पहाड़ी के दूसरी ओर फेंक दिया.

वारदात के दौरान बदमाशों ने मंदिर की में लगी घंटियों और दान पेटी को भी नुकसान पहुंचाया. जिस दौरान दान पेटी और खंडित अवस्था में मूर्ति बरामद किया उस दौरान दान पेटी टूटे हालत में मिले. दान पेटी के अंदर की सारी राशि गायब थी. लिहाजा ग्रामीणो को वारदात में चोरेा के हाथ होने का भी अंदेशा है.

मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यहां कलचुरी शासकों का किला हुआ करता था. जिसके अवशेष आज भी मंदिर के कई हिस्सों में मौजूद है. किले के काफी आगे पहाड़ी के एक हिस्से में बिना छत और सुरक्षा संसाधनों रहित मंदिर बना हुआ है. मंदिर में स्थापित देवी की मान्यता पूर्ववर्ती छुरी जमींदारी के अंतर्गत आने वाले 88 गांवकी कुल देवी के रूप में आज भी बनी हुई है. मंदिर का निर्माण काल 12 वीं सदी काल को बताया जाता है. प्रमाण के तौर पर मौके पर भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा लगाये गये सूचना फलक पर इसका जिक्र किया गया है.

विभाग ने इस स्थान को ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के लिहाज से विरासत घोषित किया है. लेकिन सुरक्षा के नाम पर कोई खास प्रबंध नहीं किए है. इसी कमी का फायदा उठाते हुए चोरों ने यहां देर रात को अपनी आमद दी. मंदिर के साधारण गर्भगृह में प्रवेश कर चोरों ने कुछ सामानों को उठाया और संभवतः संतुष्टि नहीं मिलने पर मूर्ति पर गुस्सा उतार दिया. उन्होंने मौके से मूर्ति को हटाकर उसे नजदीक में फेंक दिया. इससे वह खंडित हो गयी.

घटना रात करीब सात बजे के आसपास की बताई जा रही है इसी दौरान आसपास के लोगो ने मंदिर से आवाजें और घुंआ उठता देखा था, लेकिन अनजाने डर से ग्रामीण मंदिर में तत्काल नहीं पहुंचे, बल्कि उन्होने पुलिस को मामले की सूचना दी और जब पुलिस मौके पर रात करीब तीन बजे पहुंची तब कहीं जाकर ग्रामीण मंदिर में प्रवेश किये जिसके बाद सारी तस्वीर आयने की तरह साफ थी.

घटना में ग्रामीणों को चोरी की आंशका है हालाकि पुलिस घटना में चोरी जैसी किसी भी बात से इंकार कर रही है. जांच में पहुंची पुलिस ने मूर्ति का खंडित हिस्सा तो बरामद कर लिया है लेकिन यहां पुलिस की लापरवाही भी जमकर उजागर हुई. ऐतिहासिक महत्व से संरक्षित मूर्ति के खंडित और गायब होने की सूचना पुलिस ने पुरात्तव विभाग के लोगो को देना मुनासिब नहीं समझा.

.पुलिस का मानना है कि घटना को किसी मानसिक तौर पर विक्षिप्त व्यक्ति ने अंजाम दिया होगा. लेकिन अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि घटना को अंजाम देने के पीछे बदमारशों के इरादे आखिर क्या थे. घटना के बाद पुलिस ने मामले में अपराध दर्ज कर लिया है. पुलिस का दावा है कि मंदिर और लोगो की आस्था को चोंट पहुंचाने वाले बदमाश जल्द ही उनकी गिरफ्त में होंगे.

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