राष्ट्र

पार्टी में दरार, दुखी केजरीवाल

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि उन्हें पार्टी में चल रही आंतरिक कलह से बहुत दुख हुआ है. केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, “पार्टी में जो कुछ भी हो रहा है, उससे मैं बहुत दुखी और आहत हूं. यह दिल्ली के लोगों के हम पर किए गए भरोसे के साथ धोखा है.”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “मैं इस झगड़े में नहीं पडूंगा. मैं दिल्ली में सरकार चलाने पर ध्यान दूंगा. जनता के भरोसे को किसी भी हालत में टूटने नहीं दूंगा.”

गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से ‘आप’ में दरार की खबरें आ रही हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने संयुक्त रूप से एक पत्र लिखकर पार्टी के ‘व्यक्ति केंद्रित’ होने का आरोप लगाते हुए इस पर सवाल उठाए हैं और इसकी आलोचना की है, जो मीडिया में लीक हो गया.

वहीं, ‘आप’ ने सोमवार को संकेत दिया था कि पार्टी की बुधवार को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दोनों नेताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं.

पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आप के संस्थापक सदस्यों यादव और प्रशांत से राजनीतिक मामलों की समिति से इस्तीफा देने अथवा भूमिका सीमित करने के लिए कहा जा सकता है.

आम आदमी पार्टी अपने दो वरिष्ठ नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के भविष्य का फैसला करने के लिए बुधवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक बैठक आयोजित करेगी. दोनों नेताओं पर आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना करने का आरोप है.

सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक पद से हटाने की साजिश पिछले छह से आठ माह से चल रही थी.

उन्होंने संवाददाताओं को बताया, “केजरीवाल को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक पद से हटाने के प्रयास किए गए.”

पार्टी के अधिकारियों को पार्टी सदस्यों द्वारा लिखे गए पत्रों के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पत्रों के लीक होने के साथ-साथ हाल के घटनाक्रमों पर चर्चा करेगी.

उन्होंने कहा, “सदस्यों द्वारा पार्टी के अधिकारियों को लिखे गए पत्रों के लगातार लीक होने से पार्टी मजाक बनकर रह गई है.”

पार्टी सूत्रों ने बताया कि आप के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव से पार्टी के राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में अपने पदों से इस्तीफा देने अथवा गैर सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कहा जा सकता है.

दोनों ही नेता ‘एक व्यक्ति, एक पद’ और ‘आप’ के व्यक्ति केंद्रित पार्टी बनने का मुद्दा उठा रहे हैं. जिसके परिणामस्वरूप उन पर कार्रवाई हो सकती है.

सूत्रों के मुताबिक ‘आप’ उनसे पार्टी को छोड़ने के लिए नहीं कहेगी लेकिन अगर वे ऐसा करते हैं तो उन्हें रोकेगी भी नहीं.

पार्टी के लोकपाल एडमिरल रामदास ने एक पत्र में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में दो धड़े उभरने की बात कही है और साथ ही कहा है कि ‘आप’ को ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की व्यवस्था पर पुनर्विचार करना चाहिए. ये पत्र भी मीडिया में लीक हुए हैं.

पार्टी के सदस्यों के बीच मतभेदों को रोकने की कोशिशें जारी है. पूर्व पत्रकार और पार्टी के नेता आशुतोष ने सोमवार को ट्वीट किया कि यह घटनाक्रम केवल विचारों का टकराव है.

वहीं योगेंद्र यादव ने पार्टी में संकट की खबरों को खारिज किया.

योगेंद्र ने ट्वीट किया, “दिल्ली के मतदाताओं ने आप को इतना विशाल जनादेश दिया है, अब समय है कि हम उनके लिए खुले दिल से काम करें.”

उन्होंने कहा, “देश को हमसे बहुत उम्मीदें हैं. और मैं तो बस यही कहूंगा कि पार्टी के छोटे-छोटे विवादों के कारण हमें उनकी उम्मीदों को कम नहीं होने देना है. बस अपनी सद्बुद्धि की प्रार्थना कर सकता हूं.”

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