राष्ट्र

अव्यवस्था का शिकार हुआ दरबार केजरीवाल

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा शनिवार को आयोजित जनता का दरबार अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया. हजारों लोगों की भीड़ उमड़ जाने से भगदड़ की संभावना के बीच केजरीवाल को वहां से सिर्फ 45 मिनट में ही निकलना पड़ा. जहां इस बात को लेकर विरोधी उनकी आलोचना कर रहे हैं वहीं केजरी ने आगे इसका आयोजन और बेहतर तरीके से करने का वादा किया है.

गौरतलब है कि दिल्ली सचिवालय परिसर के खुले स्थान में सुबह से ही लगभग 5,000 लोग जमा हो गए. वे मुख्यमंत्री और मंत्रियों से अपनी मांग और शिकायत साझा करने को लेकर उतावले थे.

इसी उतावलेपन में कई लोगों ने बेरीकेड्स भी तोड़ दिए जिससे वहां अफरातफरी का माहौल बन गया. दिल्ली पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) कर्मियों को भीड़ को संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.

माहौल को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को वहां से निकलने की सलाह दी जिसके बाद उन्होंने जनता को दिल्ली सचिवालय की छत से संबोधित किया. यहां उनके मंत्रिमंडल के अन्य मंत्री पूरे दो घंटे के समय वहां बने रहे और लोगों की समस्याएं सुनीं.

जनता दरबार की इस अव्यवस्था पर भी भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में अरविंद केजरीवाल की साथी रहीं पूर्व आईपीएस अफसर किरण बेदी ने केजरीवाल सरकार पर जमकर कटाक्ष किए. बेदी ने ट्वीट के जरिए कहा, ‘भगवान के लिए, अरविंद और टीम, सचिवालय छतों से नहीं चलाए जाते! प्लीज सुनने-समझने में वक्त लीजिए! तब जाकर अच्छे से विचार करके फैसले लीजिए.’ इसके अलावा कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी इस आयोजन को फ्लॉप शो बताया है.

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