राष्ट्र

कश्मीर में बाढ़, 17 जिंदा दफन

श्रीनगर | समाचार डेस्क: कश्मीर घाटी में आई बाढ़ तथा दो मकानों के ढहने से सोमवार को 17 लोग जिंदा दफन हो गए. झेलम नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से चिंतित लोग सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं. अधिकारियों ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया. लोगों को पिछले साल सितंबर में आई बाढ़ का डर सता रहा है, जिसके सैलाब में विनाश व मौत का तांडव हुआ था.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि बडगाम जिले के लादेन गांव में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से दो मकान जमींदोज हो गए, जिसमें दो परिवारों के 16 लोग फंस गए.

उन्होंने कहा, “हमने मलबे से एक भी शव बरामद नहीं किया है.”

जम्मू से आई खबर के मुताबिक, डोडा से एक वाहन में मवेशियों को लेकर उधमपुर जा रहा एक युवक अंग्रेज सिंह रास्ते में बाढ़ की चपेट में आ गया और बह गया.

गंभीर होती स्थिति के मद्देनजर, लोग सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं.

श्रीनगर के गोजीबाग रिहायशी इलाके में रहने वाले निसार हुसैन को तीन महीने बाद दोबारा अपने घर में वापस आने पर पछतावा हो रहा है. बाढ़ के कारण लगातार दूसरी बार उन्हें, उनकी पत्नी तथा बेटी को अपना घर-बार फिर से छोड़ना पड़ रहा है.

चिंतित स्वर में निसार ने कहा कि अधिकारियों द्वारा बाढ़ की चेतावनी के बाद आनन-फानन में हम हब्बा कदाल स्थित अपने एक रिश्तेदार के घर गए.

उन्होंने कहा, “यह आघात है. टेलीविजन चैनलों पर झेलम नदी में बढ़ते जलस्तर की खबर आने के बाद मेरी बेटी ने गोजीबाग में रहने से बिल्कुल इनकार कर दिया.”

इस बीच, श्रीनगर से 12 किलोमीटर दूर स्थित पैंपोर कस्बे में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर पानी जमा होने के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है.

एक शीर्ष संभागीय प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, “सोमवार को अनंतनाग में संगम पर जलस्तर 22.8 फुट, श्रीनगर के राम मुंशीबाग पर 19 फुट और बांदीपोरा में अशिम पर 11.55 फुट दर्ज किया गया.”

अधिकारी ने कहा कि झेलम नदी के तट पर बसे परिवारों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है. उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है.

घाटी में भारी वर्षा के कारण बीते दो दिनों में 80 से ज्यादा सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को क्षति पहुंची है.

घाटी को देश के अन्य हिस्से से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को शनिवार को बंद कर दिया गया.

ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर हिमस्खलन की भी आशंका को लेकर चेतावनी जारी की गई है. राज्य में सभी परीक्षाओं को तीन अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

घाटी में अंतर-राज्य संपर्क भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

श्रीनगर-गुलमर्ग, श्रीनगर-कुपवाड़ा और श्रीनगर-बांदीपोरा मार्गो को बाढ़ के कारण बंद करना पड़ा है. पुल और छोटी पुलिया बाढ़ में डूब चुके हैं.

मौसम विभाग ने सोमवार के बाद मौसम में सुधार होने का पूर्वानुमान जताया है.

स्थानीय मौसम कार्यालय की निदेशक सोनम लोटस ने कहा, “तीन अप्रैल को एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के राज्य से टकराने की संभावना है. हालांकि यह प्छिले दिनों की तरह ज्यादा सक्रिय नहीं होगा.”

कश्मीर में आई बाढ़ पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार जम्मू एवं कश्मीर सरकार के साथ लगातार संपर्क में है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति जम्मू एवं कश्मीर में आई बाढ़ पर नजर रख रही है. साथ ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य में बाढ़ की स्थिति पर सोमवार को मुख्यमंत्री से बातचीत की है.

एहतियातन राज्य सरकार की सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के दो दलों को तैनात किया गया है, जबकि अन्य चार दलों को तैयार रखा गया है.

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