कपिल सिब्बल बोले-वानूआतू के नागरिक महादेव ऐप संचालक सौरभ चंद्राकर की गिरफ़्तारी वारंट अवैध
बिलासपुर | संवाददाता: महादेव सट्टा ऐप के संचालक और वानूआतू के नागरिक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी गैर जमानती वारंट को चुनौती देते हुए कहा है कि अदालत ने क्षेत्राधिकार से बाहर जा कर यह वारंट जारी किया है.
जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की अदालत में सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अदालत ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर गैर जमानती वारंट जारी किया है.
उन्होंने कहा कि 1 सितंबर को 2023 ईडी ने सौरभ चंद्राकर के ख़िलाफ़ एक समन जारी किया, जबकि उन्हें पता था कि जिसके ख़िलाफ़ समन जारी किया गया है, वो आस्ट्रेलिया में है, और उसे 2 तारीख़ को पेश होने के लिए कहा गया. वह वानूआतू का नागरिक है. इसके बाद 4 तारीख को पेश होने के लिए समन जारी किया गया.
कपिल सिब्बल ने कहा कि रायपुर स्थित ईडी की अदालत ईडी को यह निर्देशित नहीं कर सकती कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को गिरफ़्तार करें. यह अदालत अपने क्षेत्राधिकार के लिए विधिक अधिकार से संपन्न है लेकिन क्षेत्र से बाहर के लिए ऐसा नहीं कर सकती है.
कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रत्यर्पण केंद्र सरकार का काम है. लेकिन केंद्र सरकार ने वानूआतू में रह रहे सौरभ चंद्राकर के प्रत्यर्पण की कोई कार्यवाही नहीं की है.
सौरभ चंद्राकर का वानूआतू का पासपोर्ट नंबर- RV0165645, 6 मई 2022 को जारी हुआ है. यह पासपोर्ट 5 मई 2032 तक वैध है.
इसी तरह रवि उप्पल का वानूआतू का पासपोर्ट नंबर- RV0168309 है. यह 28 जून 2022 को जारी हुआ है. यह पासपोर्ट 27 जून 2032 तक वैध है.
सीबीआई भी कर रही है जांच
महादेव ऐप की जांच ईडी पहले से ही कर रही थी. उसके बाद सीबीआई ने इसकी जांच शुरु की है.
ईडी ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस ऐप के संचालकों द्वारा 508 करोड़ रुपये दिए गए थे.
इसके अलावा बड़ी संख्या में राजनेता, शीर्ष अधिकारी, पुलिसकर्मी, पत्रकार इसमें लिप्त थे.
भूपेश बघेल ने आरोप लगाया था कि ऐप पर प्रतिबंध लगाने का काम केंद्र सरकार का है और उसकी सहमति से ही यह ऐप चल रहा है.
इसके बाद केंद्र सरकार ने इस ऐप पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी.
हालांकि महादेव ऐप के संचालकों ने इस दौरान दर्जन भर से अधिक नये ऐप शुरु कर दिए.
किस्सा महादेव ऐप का
छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर पर अपने एक साथी रवि उप्पल के साथ ‘महादेव गेमिंग-बेटिंग’ नामक ऑनलाइन सट्टेबाज़ी ऐप का दुबई से संचालन करने का आरोप है, जिसका सालाना कारोबार 20 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का बताया जाता है.
इन दोनों ने पहले यह कारोबार छत्तीसगढ़ में ही चलाया, बाद में कारोबार दुबई से शुरु किया गया, जो भारत के अलग-अलग शहरों समेत दुनिया के दूसरे देशों में भी फैला हुआ है.
ईडी इस मामले में देश के कई शहरों में छापामारी कर चुकी है और कई सौ करोड़ की संपत्ति बरामद कर चुकी है. पुलिसकर्मियों समेत कई लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के क़रीबी लोगों समेत सैकड़ों लोगों से पूछताछ जारी है.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना काल में 2020 में ‘महादेव ऐप’ का कारोबार दिन-दोगुना, रात-चौगुना रफ़्तार से आगे बढ़ा. जब बिना दर्शकों के आईपीएल क्रिकेट की शुरुआत हुई तो महादेव ऐप पर दो हज़ार करोड़ से अधिक की सट्टेबाज़ी हुई.
इस धंधे की कमाई से कुछ फ़िल्मों में भी निवेश हुआ. इसके अलावा होटल के कारोबार में भी कुछ करोड़ रुपए लगाने की बात सामने आई.
ईडी ने पिछले साल अगस्त में मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित क़ानून के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस के सहायक उप निरीक्षक चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, हवाला ऑपरेटर अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी को गिरफ़्तार करने के बाद पहली बार महादेव ऐप से संबंधित मामलों की जानकारी साझा की.
इसके बाद 15 सितंबर को एक बयान में ईडी ने कहा कि कोलकाता, भोपाल, मुंबई समेत 39 शहरों में छापामारी कर 417 करोड़ रुपए की नक़दी, संपत्ति और दूसरे प्रमाण जब्त किए हैं.
ईडी ने दावा किया कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल की मेसर्स महादेव ऑनलाइन बुक, संयुक्त अरब अमीरात में एक केंद्रीय प्रधान कार्यालय से चलती है और 70:30 के लाभ अनुपात पर अपने ज्ञात सहयोगियों को ‘पैनल/शाखाओं’ की फ्रेंचाइजी देकर संचालित होती है. ईडी के अनुसार सट्टेबाज़ी से होने वाली आय को विदेशी खातों में भेजने के लिए बड़े पैमाने पर हवाला ऑपरेशन किए जाते हैं. इसके साथ ही भारत में सट्टेबाज़ी वेबसाइटों के विज्ञापन के लिए बड़े पैमाने पर नगद ख़र्च भी किया जा रहा है.
फरवरी 2023 में सौरभ चंद्राकर ने संयुक्त अरब अमीरात के रास अल-खैमा में शादी की थी.
आरोप है कि इस शादी समारोह के लिए महादेव ऐप के प्रमोटरों ने लगभग 200 करोड़ रुपए नकद ख़र्च किए.
परिवार के सदस्यों को नागपुर से संयुक्त अरब अमीरात तक ले जाने के लिए प्राइवेट जेट किराए पर लिए गए.
शादी में मशहूर फ़िल्मी हस्तियों को बुलाया गया था. इनसे भी ईडी ने पूछताछ की थी.