संसद बनी नाटकशाला: कपिल सिब्बल
भोपाल | समाचार डेस्क: मध्य प्रदेश की राजधानी आये कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से तंज कसते हुये कहा संसद नाटकशाला बन गई है. पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यहां रविवार को कहा कि संसद अब थिएटर बन गई है. उनका इशारा हो-हल्ला मचाए जाने और मंत्री स्मृति ईरानी की ‘नाटकीयता’ की ओर था.
सिब्बल ने मध्यप्रदेश की राजधानी में ‘संविधान और देशभक्ति’ पर आयोजित टॉक-शो में हिस्सा लिया और वहां से कांग्रेस दफ्तर गए. संवाददाताओं से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, “पहले हम थिएटर में जो कुछ देखते थे, अब पार्लियामेंट में देखने को मिलता है. संसद वह जगह है, जहां ऐसे मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, जिससे देश आगे बढ़ सके.”
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगे हैं. वह अब भी देश के प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि संघ के प्रचारक की तरह ही काम कर रहे हैं.
सिब्बल ने कहा, “वह देश के प्रधानमंत्री के नजरिए से नहीं देखे जाएंगे, मुझे इस बात की चिंता है.”
उन्होंने कांग्रेस पर किए जा रहे शाब्दिक हमलों और उपयोग में लाई जा रही ‘भाषा’ पर भी सवाल उठाया और कहा कि देश को आगे बढ़ाना है तो हमें अपने संविधान को अपनाना होगा. साथ ही इस तरह की बयानबाजी को रोकना होगा और देश के हित में काम करना होगा, न कि अपने राजनीतिक लाभ के लिए.
जेएनयू में लगाए गए कथित देश विरोधी नारों के बाद की कार्रवाई को लेकर किए गए सवाल पर सिब्बल ने कहा, “वहां जो कुछ हुआ, वह संविधान के मुताबिक था या नहीं, यह न्यायालय तय करेगा. लेकिन मैं इतना जरूर कहूंगा कि विश्वविद्यालय में पुलिस भेजना ठीक नहीं है.”
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने तय कर लिया है कि जब तक हर विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रभावी नहीं हो जाती है, तब तक उसे चैन नहीं मिलेगा.
सिब्बल ने कहा कि छात्रों को अपनी बात कहने का हक नहीं देना, उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस भेजना गलत है. विश्वविद्यालय के कुलपति को हालात सुधारने का मौका नहीं देकर सरकार ही उसे सुधारने में लग जाए तो यह यूनिवर्सिटी सिस्टम पर आक्रमण है.
उन्होंने आगे कहा कि छात्र अगर अपने मन की बात नहीं कहेंगे, विचार व्यक्त नहीं करेंगे तो विश्वविद्यालयों का औचित्य ही खत्म हो जाएगा. विश्वविद्यालय का अर्थ है छात्रों द्वारा अपने खयालात को सबके सामने रखना, हो सकता है यह आपको पसंद न आए. वहां बात विश्वविद्यालय स्तर पर होना चाहिए न कि सरकार बीच में आए और देशद्रोह का मुकदमा चलाए.
राज्य के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल, व्यापम घोटाले को लेकर पूछे गए सवाल पर सिब्बल ने कहा कि उन्हें तो नहीं लग रहा कि इस मामले की सीबीआई जांच चल रही है. अगर जांच चल रही होती तो सीबीआई को जो दस्तावेजी प्रमाण सौंपे गए हैं, उन पर अब तक कोई कारगर कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
उन्होंने कहा कि सीबीआई को ऑरिजनल एक्सेलशीट और टेप सौंपे जा चुके हैं, जिनमें कई लोगों के नाम भी हैं, मगर अब तक उनमें से किसी की भी सीबीआई ने गिरफ्तारी नहीं की है.
सिब्बल ने आगे कहा, “वर्ष 2019 के बाद देश देखेगा कि सीबीआई जांच कैसी होती है. इस समय सीबीआई पूरी तरह भाजपा सरकार को बचाने का काम कर रही है.”