कालीचरण को जमानत
रायपुर | संवाददाता: अल्पसंख्यकों और महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है.
महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले अभिजीत सारग ऊर्फ कालीचरण महाराज को एक लाख रुपये के मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए गये हैं.
रायपुर जेल में पिछले तीन महीने से बंद कालीचरण ने रायपुर में ही आयोजित धर्म संसद में अल्पसंख्यकों और महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ टिप्पणी की थी.
इसके बाद कालीचरण के खिलाफ़ रायपुर के टिकरापारा थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी.
टिप्पणी के बाद फरार कालीचरण को छत्तीसगढ़ पुलिस ने मप्र के खजुराहो के बागेश्वर धाम से गिरफ़्तार किया था.
गांधी को बकी थी गाली
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में रायपुर में आयोजित धर्म संसद में अकोला से आए कालीचरण ने महात्मा गांधी के लिए गाली का उपयोग करते हुए, उनकी हत्या को जायज ठहराया था. कालीचरण ने इसके लिए गोडसे को हाथ जोड़ कर नमस्कार भी किया था.
कालीचरण ने कहा-“इस्लाम का टारगेट राजनीति के द्वारा राष्ट्र क़ब्ज़ाना है. उन्होंने हमारी आंखों के सामने 47 में क़ब्ज़ा लिया भइया. दो-दो क़ब्ज़ाया हमारी आंखों के सामने. ईरान, इराक़, अफ़ग़ानिस्तान तो पहले ही क़ब्ज़ा चुके थे. बांग्लादेश और पाकिस्तान हमारे सामने क़ब्ज़ाया उन्होंने, राजनीति के द्वारा क़ब्ज़ाया.”
इसके बाद महात्मा गांधी के बारे में कालीचरण ने कहा, “मोहनदास करमचंद गांधी ने सत्यानाश कर दिया. नाथूराम गोडसे जी को नमस्कार है. मार डाला उस…को. देखो, ऑपरेशन करना बहुत ज़रूरी होता है, इन फोड़े-फुंसियों का. वरना ये कैंसर बन जाते हैं.”
कालीचरण की इस टिप्पणी पर वहां उपस्थित लोगों में से कई ने तालियां बजा कर इसका समर्थन किया.
इस दौरान कांग्रेस के कई नेता वहां पहली पंक्ति में उपस्थित थे.
नगर निगम के सभापति और कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे मंच से अपना भाषण करके कुछ ही देर पहले सामने की पंक्ति में बैठे थे.
इसके बाद इस आयोजन के संरक्षक और कांग्रेस के विधायक रह चुके महंत रामसुंदर दास ने अपने भाषण में महात्मा गांधी को गाली बके जाने की आलोचना की और खुद को इस धर्म संसद से अलग करने की घोषणा की.
फिर कहा था-मृत्युदंड स्वीकार
कालीचरण ने सार्वजनिक मंच से गांधी को गाली बका ही, बाद में जब एफआईआर हो गई तो कालीचरण ने अपना एक वीडियो जारी किया.
कालीचरण ने इस वीडियो में अपने कृत्य के लिए माफ़ी मांगने के बजाय कहा कि उसे मृत्युदंड स्वीकार है और उसने जो कहा है, उसपर वह कायम है.
इस दुःसाहसी वीडियो की लोगों ने कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि इस उन्मादी और हिंसा फैलाने वाले कथित साधु की गिरफ़्तारी जरुरी है.
इसके बाद कालीचरण की गिरफ़्तारी हुई थी.