जोगी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे
रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने आगामी लोकसभा चुनाव न लड़कर संगठनात्मक जिम्मेदारियां निभाने की इच्छा जताई है. शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए जोगी ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति इस समय बेहद चुनौतीपूर्ण है. ऐसी स्थिति में सभी नेताओं को एकजुट होकर उन चुनौतियों का सामना करने की जरूरत है.
जोगी ने कहा कि उनकी इच्छा लोकसभा चुनाव लड़ने की नहीं है. पत्रकारों से चर्चा के दौरान जोगी ने कहा, “मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहता, क्योंकि इससे मैं एक ही सीट पर बंधकर रह जाऊंगा. मैं प्रदेश की सभी 11 सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं.”
जोगी का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान से वे अपने लिए संगठन में ही काम मांगेंगे, क्योंकि उनकी इच्छा चुनाव लड़ने की नहीं है.
गौरतलब है कि भूपेश बघेल के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद जोगी ने अचानक अपनी रणनीति बदल दी है. जीवन में कभी चुनावी राजनीति से तौबा न करने वाले अजीत जोगी ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार किया है.
कांग्रेस आलाकमान ने जोगी के धुर विरोधी व आक्रामक तेवर के लिए पहचाने जाने वाले भूपेश बघेल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान सौंप दी है. चूंकि यह फैसला कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लिया है अत: जोगी इसका विरोध करने की अपेक्षा लोकसभा चुनाव न लड़ने की बात कहकर कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
राजनीतिक जानकारों की मानें तो कांग्रेस अध्यक्ष व उपाध्यक्ष स्वयं इस बात को जानते हैं कि जोगी अगर चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें हराना मुश्किल होगा. जोगी के लड़ने की स्थिति में कम से कम प्रदेश की एक सीट पर कांग्रेस की जीत की प्रबल संभावना होगी. इसी बात का लाभ उठाकर जोगी ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.
इसे जोगी का ‘डबल गेम’ भी माना जा रहा है. अगर प्रदेश में कांग्रेस की सीटों में बढ़त हुई तो इसका लाभ जोगी स्वयं लेना चाहेंगे, क्योंकि उन्होंने स्वयं चुनाव न लड़कर पूरे प्रदेश में प्रचार करने की बात कही है. दूसरी ओर, अगर कांग्रेस एक भी सीट जीतने में नाकाम रही तो वे इसका ठीकरा भूपेश के सिर फोड़कर यह कहने की स्थिति में रहेंगे कि अगर वे स्वयं चुनाव लड़ते तो कांग्रेस को कम से कम एक सीट जरूर मिलती.