कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस, हरियाणा में भाजपा
नई दिल्ली | डेस्क: दस साल बाद हुए चुनाव में जम्मू कश्मीर में फ़ारूक़ अब्दुल्लाह-उमर अब्दुल्लाह की नेशनल कॉन्फ़्रेंस की सत्ता में वापसी तय हो चुकी है. भाजपा इस बार भी जम्मू से आगे घाटी के इलाकों में नहीं बढ़ पाई. यहां तक कि जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रवींद्र रैना को नौशेरा सीट पर नेशनल कॉन्फ़्रेंस के उम्मीदवार ने हरा दिया है.
इधर हरियाणा में भाजपा ने अपनी जीत सुनिश्चित कर ली है. सरकार बनाने की उम्मीद पाले कांग्रेस को यहां झटका लगा है.
जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ़्रेंस को 42 सीटें मिली हैं, जबकि भाजपा को 29 सीटों पर संतोष करना पड़ा है.
हालांकि भाजपा का वोट प्रतिशत पूरे राज्य में सर्वाधिक 25.64 फ़ीसदी है.
जम्मू कश्मीर की 90 सीटों में से सबसे बुरा हाल पीडीपी का हुआ है. पिछली बार भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली महबूबा मुफ़्ती की को पिछले चुनाव के 28 सीटों के मुकाबले इस बार केवल तीन सीटें मिली हैं.
श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट से पीडीपी प्रमुख और पूर्व सीएम महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती चुनाव हार गई हैं.
कांग्रेस पार्टी को 6 सीटें मिली हैं. पिछली बार भी कांग्रेस को 6 सीटें ही मिली थीं.
आम आदमी पार्टी ने यहां भी खाता खोल लिया है. उसे एक सीट मिली है. जम्मू-कश्मीर की डोडा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेहराज मलिक चार हजार से अधिक वोटों से जीत गए.
यहां सीपीआईएम को भी एक सीट मिली है.
स्वतंत्र रुप से चुनाव मैदान में उतरने वाले 7 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.
हरियाणा की 90 में से सरकार बनाने के लिए ज़रुरी 46 सीटें भाजपा को मिल चुकी है. कांग्रेस की सरकार बनाने की उम्मीदें ख़त्म हो चुकी हैं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता, नायब सिंह सैनी लाडवा सीट से चुनाव जीत गए हैं.
इसी तरह जुलाना से विनेश फोगाट ने 6 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है.
जननायक जनता पार्टी के दुष्यंत चौटाला हरियाणा की उचाना कलां सीट से बुरी तरह से चुनाव हार गए हैं. वे पांचवें नंबर पर रहे और उन्हें केवल 7950 वोट मिले. चौटाला पांचवें पायदान पर हैं.
इस सीट पर भाजपा के देवेंद्र अत्रि ने 32 वोटों से जीत दर्ज की है और उनके खाते में 48,968 वोट गए हैं. दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के बृजेन्द्र सिंह जिन्हें 48,936 वोट मिले हैं.