प्रसंगवश

क्या PDP-BJP में तलाक होगा?

क्या महबूबा मुफ्ती ने सरकार नहीं बनाने और भाजपा से गठबंधन तोड़ने का अनौपचारिक फैसला कर लिया है? हाल के घटनाक्रम को देखते हुए तो ऐसा ही लग रहा है.

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद के निधन को रविवार को 40 दिन पूरे हो गए. पिता के चालीसवें पर उनकी कब्र पर फातेहा पढ़ने महबूबा मुफ्ती केवल अपने परिवार के सदस्यों के साथ गईं. मुफ्ती सईद की कब्र दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा शहर के दारा शिकोह पार्क में है.

बिजबेहरा की उनकी यात्रा के दौरान पीडीपी का कोई वरिष्ठ नेता उनके साथ नहीं था. कई वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मुफ्ती परिवार के लौटने के बाद फातेहा पढ़ने गए. सूत्रों का कहना है कि महबूबा मुफ्ती एक तरह से फिलहाल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में नहीं हैं.

अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल शर्मा और पूर्व उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह महबूबा मुफ्ती से रविवार को श्रीनगर में मिले तो महबूबा ने सरकार बनाने के बारे में किसी भी चर्चा से इनकार कर दिया.

पीडीपी के एक सूत्र ने बताया, “महबूबा आजकल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से नहीं मिल रही है. उनके दिमाग में क्या है, यह कोई भी नहीं समझ सकता. लेकिन, साफ लग रहा है कि वह भाजपा के साथ सरकार नहीं बनाना चाहती हैं. भाजपा भविष्य में दोनों दलों के बारे में कोई भी आश्वासन नहीं दे रही है.”

सूत्रों का कहना है कि भाजपा और पीडीपी के पूर्व मंत्री और नेता जल्दी चुनाव नहीं चाहते हैं और दोबारा मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं. लेकिन, महबूबा को भविष्य की चिंता सता रही है. उनकी पार्टी के कई नेताओं को लग सकता है कि यह मंत्री बनने का उनका आखिरी मौका है लेकिन महबूबा के सामने अभी लंबा राजनैतिक करियर बचा हुआ है.

सूत्र ने यह भी बताया कि मुफ्ती की मौत के बाद भाजपा ने पीडीपी के सामने अपने पत्ते पूरी तरह खोले नहीं हैं.

भाजपा के एक सूत्र ने बताया कि स्थानीय नेताओं से पार्टी आलाकमान ने गठबंधन के बारे में बयानबाजी नहीं करने के लिए कहा है. भाजपा के एक नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर आईएएनएस से कहा कि अगर गठबंधन होना होगा तो हो जाएगा.

दोनों ही पक्षों की तरफ से साधी गई चुप्पी से जाहिर हो रहा है कि तलाक की औपचारिक घोषणा हुए बगैर ही गठबंधन टूट चुका है.

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