झारखंड में पहली बार भाजपा सरकार
रांची | समाचार डेस्क: झारखंड विधानसभा में पहली बार भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर आई है. मंगलवार को घोषित झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों के अनुसार भाजपा को सबसे अधिक 31.3 फीसदी मत मिले हैं. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा 20.4 फीसदी मतों के साथ दूसरे तथा कांग्रेस 10.5 फीसदी मतों के साथ तीसरे स्थान पर है. सबसे बड़ी बात यह है कि सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा से भाजपा को 10 फीसदी मत अधिक मिलें हैं. झारखंड विधानसभा के चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री मोदी ने प्रचार का जिम्मा खुद संभाला था. इसलिये इसे नरेन्द्र मोदी की जीत के रूप में प्रचारित किया जा रहा है.
सबसे हैरत की बात है कि इस चुनाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 2 स्थानों से लड़े थे जिसमें से 1 में वे हार गये तथा झारखंड को 3 पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, बाबूलाल मरांडी तथा अर्जुन मुंडा चुनाव हार गये हैं. झारखंड में भारतीय जनता पार्टी शानदार जीत दर्ज सरकार बनाने की तैयारियों में लग गई है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोगों ने स्थिरता के लिए मतदान किया था, जो राज्य की वास्तविक क्षमता का अहसास कराने के लिए आवश्यक था. भाजपा ने 37 सीटें जीत ली हैं, जबकि इसकी गठबंधन घटक ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन, आजसू 5 सीटें जीतने में कामयाब रही है. इस तरह पार्टी को सरकार बनाने लायक आंकड़े मिल चुके हैं.
इस बीच मोदी ने कहा, “झारखंड के लोगों ने स्थिरता के लिए मतदान किया था, जो राज्य की वास्तविक क्षमता का अहसास कराने के लिए आवश्यक है.”
भाजपा का मत प्रतिशत पिछली बार के 24 फीसदी की अपेक्षा इस बार 31 फीसदी हो गया है.
पार्टी ने जनजाति क्षेत्र संथाल परगना में भी अच्छा प्रदर्शन किया. इस क्षेत्र में भाजपा सात सीटें जीतने में कामयाब रही, जबकि पिछली बार वह यहां दो ही सीटें जीत पाई थी.
सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा, झामुमो अपना प्रदर्शन सुधारने में कामयाब रही है. उसने 19 सीटें जीती है. पिछले चुनाव में उसने 18 सीटें जीती थी.
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, ” परिणाम से हम निराश हैं. हम 30 से ज्यादा सीटों की उम्मीद कर रहे थे.”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस तथा राजद के साथ गठबंधन भाजपा को सत्ता से दूर रख सकता था. कांग्रेस के रुख के कारण ही झारखंड में भाजपा हमेशा जीतती रही है.”
कांग्रेस मात्र पांच सीटें जीतने में कामयाब रही.
कांग्रेस प्रवक्ता किशोर सहदेव ने कहा कि परिणाम दिखाता है कि संगठन मजबूत हुआ है और वह झामुमो से सीटें झटकने में कामयाब हुआ है.
झारखंड तथा दिल्ली दोनों ही जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह है. सत्ता में आने की सूचना मिलते ही उन्होंने जश्न मनाना शुरू कर दिया.
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने चुनावों में जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया.
शाह ने पत्रकारों से दिल्ली में कहा, “पहली बार झारखंड की जनता ने भाजपा को विधानसभा चुनावों में स्पष्ट जनादेश दिया है. हम बहुमत वाली सरकार बनाएंगे.”
शाह ने कहा कि 81 सीटों वाली विधानसभा में उनकी पार्टी 41 सीटें जीती है. उसकी सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट एसोसिएशन, आजसू चार सीटें जीती है.
झारखंड में पार्टी की जीत तथा जम्मू एवं कश्मीर में अच्छे प्रदर्शन का श्रेय उन्होंने नरेंद्र मोदी की छह महीने पुरानी सरकार की उपलब्धियों को दिया.
शाह ने कहा, “लोगों का मोदी के प्रति स्नेह तथा आदर झारखंड में जीत के रूप में सामने आया है.”
इससे पहले, झारखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र कुमार राय ने कहा, “झारखंड में भाजपा स्थिर सरकार बनाएगी.”
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दो सीटों से लड़े, वह दुमका से चुनाव हार गए, जबकि बरहेट से जीत चुके हैं.
भ्रष्टाचार के आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा चुनाव हार गए.
एक अन्य मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी धनवर और गिरिडीह दोनों सीटों से चुनाव हार गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा खरसावा सीट से चुनाव हार गए.
आजसू और लोक जनशक्ति पार्टी के साथ चुनाव लड़ रही भाजपा ने 72 उम्मीदवार खड़े किए थे. आजसू ने आठ और लोजपा ने एक सीट पर उम्मीदवार खड़े किए थे.
कांग्रेस ने 60 सीटों पर चुनाव लड़ा रहा है, जबकि इसकी सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल ने 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. भाकपा और माकपा ने क्रमश: 24 और 13 उम्मीदवार खड़े किए हैं.
मतगणना मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच चल रही है.
करीब 81 सीटों में से सबसे अधिक उम्मीदवार हटिया में 29 और सबसे कम चतरा में 7 खड़े हुए थे.
झाविमो प्रजातांत्रिक का नेतृत्व मरांडी कर रहे हैं, उन्होंने 72 उम्मीदवार खड़े किए थे.