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जापान, भारत में बड़े निवेश को तैयार

टोक्यो | समाचार डेस्क: भारत के प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के तीसरे दिन तय हुआ कि जापान, भारत में बड़ा निवेश करेगा. इसे मोदी की यात्रा की सफलता के रूप में देखा जा रहा है कि उन्होंने जापानी निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिये तैयार कर लिया है. गौरतलब है कि जापान ने सोमवार को घोषणा की कि भारत में वह 20.3 खरब रुपये का सार्वजनिक-निजी निवेश करेगा. भारत और जापान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच दिवसीय जापान दौरे के तीसरे दिन आधिकारिक रूप से बातचीत की.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट किया, “भारत-जापान निवेश संवर्धन साझेदारी के तहत पांच वर्ष की अवधि में भारत को जापान से 20.3 खरब रुपये का सार्वजनिक-निजी निवेश.”

अकबरुद्दीन ने कहा कि जापान ने बुलेट ट्रेन के लिए भारत को वित्तीय, तकनीकी और संचालन संबंधित सहायता देने की पेशकश की है.

अकबरुद्दीन ने कहा कि जापान रक्षा क्षेत्र में भारत के अंतरिक्ष और रक्षा से संबंधित छह प्रतिष्ठानों को जापान की विदेशी कोष उपयोग सूची से हटा देगा.

उन्होंने कहा कि दोनों देश विद्यार्थी आदान-प्रदान कार्यक्रम के लिए उत्सुक हैं.

अकबरुद्दीन ने ट्वीट में कहा, “भारत-जापान आपस में विद्यार्थियों का आदान-प्रदान बढ़ाएंगे और साथ ही भारत में जापानी भाषा का शिक्षण भी बढ़ाएंगे.”

आबे के साथ अपनी आधिकारिक बातचीत को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि सोमवार को हुए पांच समझौते दोनों देशों के विशेष रणनीतिक संबंध दर्शाते हैं.

इन पांच समझौतों के दायरे में स्वास्थ्य, स्वच्छ ऊर्जा, महिला विकास, सड़क और क्योटो-वाराणसी समझौता आते हैं. मोदी ने कहा कि इसके अलावा जापान प्रस्तावित बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए तकनीकी और वित्तीय मदद मुहैया कराने पर भी सहमत हुआ है.

मोदी ने आबे के साथ शिखर बैठक स्तर की अपनी बातचीत समाप्त करने के तत्काल बाद मीडिया के साथ एक संयुक्त बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भारत में 20.3 खरब रुपये निवेश का वादा किया है. मैं इसका स्वागत करता हूं.”

मोदी ने कहा, “भारत की अधोसंरचना के आधुनिकीकरण के लिए जापान जितना किसी भी देश ने नहीं किया है. आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. जापान जिस स्तर पर मदद मुहैया करा रहा है, वह हमारे संबंधों की प्रकृति को दर्शाता है.”

मोदी ने कहा कि भारत-जापान के संबंध सिर्फ अर्थव्यवस्था तक सीमित नहीं हैं.

उन्होंने कहा, “असैन्य परमाणु समझौते पर भी जापान के साथ हमारी गहन बातचीत हुई है. ये वार्ताएं भी आगे बढ़ी हैं. हमने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि परमाणु वार्ता को आगे बढ़ाएं.”

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