इस्लामिक स्टेट परमाणु शक्ति संपन्न!
लंदन | एजेंसी: इस्लामिक स्टेट न केवल इराक तथा सीरिया में कत्लेआम कर रहा है बल्कि वह विश्व शांति के लिये भी खतरा बन सकता है. जिस प्रकार से खबरे आ रहीं हैं तथा दावे किये जा रहें हैं उसी के अनुरूप यदि इस आतंकी संगठन के पास खतरनाक बम हो तो दुनिया को सतर्क हो जाना चाहिये. यह दिगर बात है कि इस्लामिक संगठन के पास अपने कथित परमाणु बम को गिराने के लिये साधन है या नहीं. जिसके बगैर इस बम को कोई अपने घर में फोड़ने से रहा. इराक के एक विश्वविद्यालय से 40 किलोग्राम यूरेनियम की चोरी के मद्देनजर सुन्नी जेहादी संगठन इस्लामिक स्टेट के पास एक खतरनाक बम होने का अंदेशा जताया गया है. मीडिया रपट से यह जानकारी मिली. डेली मेल की रपट के मुताबिक, आतंकवादियों ने अपने पास खतरनाक उपकरण होने का दावा सोशल मीडिया पर किया है. एक ने तो यहां तक कहा है कि वह इससे लंदन में कहर बरपाएंगे. मोसूल विश्वविद्यालय से चार महीने पहले रेडियो सक्रिय रसायन की चोरी हो गई थी.
पश्चिमी देशों को धमकी देने वालों में से एक ब्रिटिश विस्फोटक विशेषज्ञ हमायूं तारिक है, जो ब्रिटेन स्थित अपने घर से 2012 में मध्य पूर्व भाग गया था.
मुस्लिम-अल-ब्रिटानी उपनाम का प्रयोग करते हुए उसने ट्वीट किया, “आईएस के पास एक खतरनाक बम है. हमें मोसूल विश्वविद्यालय से कुछ रेडियो सक्रिय पदार्थ मिला था.”
इसके अलावा, अन्य जेहादियों ने भी एक विध्वंसकारी बम बना लेने का दावा किया.
इस तरह के दावे से इराक, सीरिया तथा दुनिया के अन्य भागों में आईएस से मुकाबला कर रहे सुरक्षा बलों की चिंताएं बढ़ेंगी.
संयुक्त राष्ट्र में इराक के राजदूत मोहम्मद अली अलहाकिम ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून से कहा, “आतंकवादी समूहों ने राज्य के नियंत्रण से बाहर के स्थल से नाभिकीय पदार्थ को अपने कब्जे में ले लिया है. इसका इस्तेमाल व्यापक जनसंहार के लिए किया जा सकता है.”
यदि जेहादियों का उनके पास खतरनाक बम होने का दावा सच है, तो वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जीतने में अमरीका तथा उसके सहयोगियों को दिक्कतें पेश आ सकती हैं. वहीं, अमरीकी नीतियों का विरोध करने वालों का कहना है कि अमरीका परमाणु हथियार का हौवा खड़ा करके इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जंग में अन्य देशों को भी शामिल करना चाहता है. उल्लेखनीय है कि इस्लामिक स्टेट में इराक में अमरीकी तेल कंपनियों पर कब्जा कर लिया है.