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इसराइल ने बोला ईरान पर हमला

नई दिल्ली | डेस्क: इसराइल ने शनिवार को तड़के इरान पर भारी हवाई हमला करने के बाद कहा है कि उसने मिलाइल ठिकानों पर हमला बोला है. एक अक्टूबर को इरान ने इसराइल पर हमला बोला था. इसके बाद इसराइल के मुखिया बिन्यामिन नेतन्याहू ने ईरान को चेतावनी दी थी.

इसराइल ने कहा है कि उसकी वायुसेना ने ईरान के मिसाइल संयंत्रों पर पर हमले किए हैं. ये वही संयंत्र हैं जहां बने मिसाइलों से ईरान ने इसराइल पर हमले किए थे. इसराइल ने कहा कि ईरान की ज़मीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के भंडारों और उसकी वायुसेना की क्षमताओं को निशाना बनाकर भी हमले किए गए. ईरान के ऐसे ठिकानों को निशाना बनाया गया जो इसराइल के खुलकर हवाई हमले करने की क्षमता को रोकने के लिए तैयार किए गए थे.

इस हमले के बाद ईरान ने नुकसान को सामान्य बताया है. ईरान की वायुसेना का कहना है कि राजधानी तेहरान, खुज़ेस्तान और इलाम प्रांतों के सैन्य ठिकानों पर हमले किए गए हैं. ईरान की वायुसेना का यह भी कहना था कि उन्होंने इसराइली हमलों का मुक़ाबला किया, लेकिन फिर भी कुछ जगहों पर थोड़ा-बहुत नुक़सान हुआ है.

इस हमले के बाद अमरीका ने कहा है कि इरान को अब इसका जवाब नहीं देना चाहिए.

अमेरिका ने अपने बयान में कहा है कि अगर ईरान ने एक बार फिर हमला किया तो हम तैयार रहेंगे. और ईरान को इसके नतीजे भुगतने होंगे. बयान में कहा गया है कि इसराइल और ईरान के बीच सीधा हमला अब ख़त्म होना चाहिए.

बाइडन प्रशासन ने कहा है कि इसराइल को ख़ुद का बचाव करने और इस महीने के शुरुआत में किए गए ईरानी हमले का जवाब देने का अधिकार है. हालांकि बाइडन ने यह भी कहा कि अगर इसराइल, ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले करता है तो वह इसका समर्थन नहीं करेंगे. बाइडन का मानना है कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले से स्थितियां और बिगड़ सकती हैं.

इसके अलावा अमेरिका ने इसराइल को ईरान के तेल के ठिकानों से भी दूर रहने की चेतावनी दी है.

इधर सऊदी अरब ने ईरान पर किए गए इसराइली हवाई हमलों की निंदा की है. सऊदी अरब ने इसराइली हमले को ईरान की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन बताया है.

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