15 लाख किसानों का सिंचाई कर माफ़
रायपुर | संवाददाता: किसानों का कर्जा माफी, धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये देने के बाद चर्चा में आई छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों का सिंचाई का कर माफ कर दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस पर यह घोषणा की.
गणतंत्र दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारी सरकार ने अक्टूबर 2018 में लिए गए सिंचाई कर को माफ करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि इससे राज्य के 15 लाख किसानों को फायदा होगा. मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि हमारी सरकार चुनाव से पहले किए गए वादे पर काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि किसानों की लगभग 15 वर्षों से लम्बित सिंचाई कर की बकाया राशि को मिलाकर अक्टूबर, 2018 तक सिंचाई कर की 207 करोड़ रूपए की बकाया राशि भी माफ की जाएगी, जिससे लगभग 15 लाख किसानों को राहत मिलेगी.
उन्होंने कहा कि हमने सत्ता में आते ही राज्य के किसानों का कर्ज माफ किया था. अब हमने यह निर्णय लिया है. बघेल रायपुर में गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि राज्य के किसान लगातार गर्मी में फसलों की सिंचाई के लिए पानी की मांग करते रहे हैं. जल्द ही इस मुद्दे पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा. सीएम बघेल ने कहा था कि राज्य सरकार ने धान का प्रति क्विंटल मूल्य 2,500 रुपये कर दिया गया है और अब बढ़े समर्थन मूल्य के अनुसार 450 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मार्च माह तक किसानों के खाते में अतिरिक्त राशि भी पहुंच जाएगी.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों के हित में राज्य सरकार 6,100 करोड़ कृषि ऋण माफी का फैसला कर चुकी है. साढ़े तीन लाख किसानों के खातों में 1,248 करोड़ रुपये पहुंच गए हैं. बजट सत्र के बाद बची राशि किसानों के खातों में जानी शुरू हो जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी बैंक और ग्रामीण बैंक में किसानों के केसीसी लोन को माफ किया जा चुका है. इसके अलावा राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए केसीसी लोन का आंकड़ा भी जुटाया जा जा रहा है. धान का प्रति क्विंटल मूल्य 2500 रुपये कर दिया गया है. इस विषय को बजट में शामिल किया जाएगा और बढ़े समर्थन मूल्य के अनुसार 450 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मार्च माह तक किसानों के खाते में अतिरिक्त राशि पहुंच जाएगी. उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसानों से किए गए सभी वायदे पूरे किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि से संबंधित समस्त योजनाओं का लक्ष्य अन्नदाताओं का स्वावलंबन और खुशहाली हो. इसलिए कृषि विभाग का नाम बदलकर ‘‘कृषि विकास, किसान कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग’’ किया गया है जिससे किसान कल्याण का लक्ष्य सदा हमारी नजरों के सामने रहे.