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IPS अमिताभ सवेतन बहाल

लखनऊ | समाचार डेस्क: सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह से टकराने के बाद निलंबित किये गये आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को वेतन सहित बहाल करने का आदेश कैट ने दिया है. इसे अमिताभ ठाकुर की नैतिक जीत माना जा रहा है. केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण की लखनऊ पीठ ने सोमवार को निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की बहाली के आदेश दिए. आदेश है कि अमिताभ को 11 अक्टूबर, 2015 से पूरे वेतन के साथ बहाल माना जाए. कैट ने कहा है कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि राज्य सरकार 90 दिन के बाद निलंबन की अवधि बढ़ा दे.

आईपीएस अमिताभ को निलंबित करने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 11 अक्टूबर, 2015 को निरस्त किया जा चुका है.

नवनीत कुमार और जयति चंद्रा की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि केंद्र सरकार ने अमिताभ का निलंबन निरस्त कर दिया और हाईकोर्ट में दिए हलफनामे को हलके में नहीं लिया जा सकता.

कैट ने केंद्र और राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं. साथ ही मामले की अगली सुनवाई 12 मई तय की है.

अमिताभ ठाकुर ने सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर फोन पर धमकाने का आरोप लगाया था. इसके बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था.

90 दिन पूरा होने के बाद निलंबन की अपने निलंबन के विरोध में वह कई बार धरना दे चुके हैं. उन्होंने मुलायम सिंह के खिलाफ हजरतगंज थाने में तहरीर दी थी और मीडिया से बातचीत में जान को खतरा बताया था.

आईपीएस अमिताभ के मुताबिक, मुलायम पर लगाए आरोप के सबूत के तौर पर उनके मोबाइल में मुलायम की आवाज में धमकी भरे बोल रिकार्ड हैं.

मुलायम ने एक बार स्वयं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, “ये मोबाइल भी बड़ी खतरनाक चीज है, इस पर किसी से भी बहुत संभलकर बात करना, लोग रिकार्ड कर लेते हैं.”

सामाजिक कार्यकर्ता की तरह काम करने वाले आईपीएस अमिताभ का कहना है कि उन्होंने खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की थी, इस कारण सपा प्रमुख ने उन्हें धमकाया था.

सपा मुखिया के खिलाफ आवाज उठाने पर अखिलेश यादव सरकार ने उन पर स्वेच्छाचारिता, अनुशासनहीनता, शासन विरोधी दृष्टिकोण रखने, उच्च न्यायालय के निर्देशों की अनदेखी करने, अपने पद से जुड़े दायित्वों एवं कर्तव्यों के प्रति उदासीनता व नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था.

इसके बाद उनकी आय की जांच करवाई थी. सरकारी करिंदों ने उनका घर खंगाला था और तलाशी रिपोर्ट की कॉपी मांगने पर भाग गए थे. कैट का यह आदेश आईपीएस अमिताभ की बड़ी जीत है.

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