आईपीएल-7 में कोहली की भूमिका
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: इंडियन प्रीमियर लीग के सातवें संस्करण के लीग चरण की तस्वीर अब साफ हो चुकी है. प्लेऑफ में प्रवेश करने वाली दोनों चोटी की टीमें किंग्स इलेवन पंजाब और चेन्नई सुपर किंग्स ने जहां शुरू से अपनी धाक कायम रखी, वहीं शेष दोनों टीमों -कोलकाता नाइट राइडर्स और गत चैम्पियन मुंबई इंडियंस- ने शुरुआती असफलता के बाद जबरदस्त वापसी की है.
कई नए खिलाड़ियों और नए कप्तान जॉर्ज बैले की अगवानी में किंग्स इलेवन जहां बेहतरीन टीम के रूप में उभर कर सामने आई है, वहीं महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में उनकी टीम सुपर किंग्स ने आईपीएल के हर सीजन में बिना रुकावट के अंतिम चार में प्रवेश किया है.
आईपीएल-7 में शेन वाट्सन के नेतृत्व वाली टीम राजस्थान रॉयल्स को जहां सबसे चौंकाऊ इलिमिनेशन का सामना करना पड़ा, वहीं सबसे अधिक निराशा कोहली की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से मिली. रॉयल चैलेंजर्स लगातार तीसरे वर्ष अंतिम चार में जगह बनाने में असफल रहा. यही नहीं रॉयल चैलेंजर्स ने आईपीएल इतिहास का सबसे खराब प्रदर्शन किया है.
क्रिस गेल, युवराज सिंह और अब्राहम डिविलियर्स जैसे धुरंधर बल्लेबाजों से सजी टीम बल्लेबाजी में एक-दो मैचों में ही आकर्षित कर पाई. कोहली का निजी प्रदर्शन तो खराब था ही कप्तानी में भी वह कोई कमाल नहीं दिखा सके. शीर्ष बल्लेबाजों की सूची में कोहली टॉप टेन से बाहर हैं.
आईपीएल-7 में टीमों के प्रदर्शन और सलामी बल्लेबाजों की जुगलबंदी पर गौर करें तो अधिकांश मैचों में जिसमें सलामी बल्लेबाजों ने बेहतर प्रदर्शन किया उनमें उनकी टीमों ने जीत दर्ज की. इसीलिए जहां किंग्स इलेवन और सुपर किंग्स के कप्तानों ने अपनी सफल सलामी जोड़ियों को बनाए रखा, वहीं दूसरी टीमें सलामी बल्लेबाज की तलाश करती रहीं.
गंभीर ने बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन कर रहे रोबिन उथप्पा को ऊपर लाने का निर्णय किया और उनके इस निर्णय का उन्हें भरपूर फायदा मिला. सनराइजर्स के कप्तान शिखर धवन ने बेहतरीन फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज डेविड वार्नर को सलामी जोड़ी के रूप में भेजने का निर्णय देर से किया. वार्नर को ऊपर लाने का उन्हें फायदा तो मिला पर तब तक काफी देर हो चुकी थी. यहां तक कि धवन ने दबाव मुक्त होकर बल्लेबाजी करने के लिए कप्तानी छोड़ दी. वह कुछ हद तक वापसी करने में सफल भी रहे.
मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने शुरुआती लगातार पांच हार के बाद घर वापसी के साथ ही विकेटकीपर सीएम गौतम को सलामी जोड़ी के रूप में बल्लेबाजी करने भेजा और टूर्नामेंट में वापसी करने में सफल रहे. रोहित ने एक बार फिर प्रयोग के तौर पर लेंडिल सिमंस को माइक हसी के साथ सलामी जोड़ी के रूप में उतारा और इस सलामी जोड़ी ने उन्हें प्लेऑफ में पहुंचा दिया. कोरी एंडरसन को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर लाने का भी उन्हें फायदा मिला.
बहरहाल रॉयल चैलेंजर्स को देखें तो कोहली ने इस तरह का कोई प्रयोग करने को जोखिम नहीं उठाया और एक तरह से कहें तो युवराज सिंह और डिविलियर्स के फॉर्म में लौटने का वे कोई फायदा नहीं उठा सके.
कोहली का कप्तान के तौर पर प्रदर्शन
आईपीएल-7 में कोहली की कप्तानी विशेष रूप से खराब रही. आईपीएल-7 में कोहली को 14 में नौ मैचों में हार झेलनी पड़ी, तथा उनकी जीत का प्रतिशत 35.71 फीसदी रहा. जबकि इससे पहले उनकी जीत का प्रतिशत 56 था. उल्लेखनीय है कि आईपीएल-6 में कोहली की कप्तानी चलने के पीछे उनके बल्ले का चलना भी था. आईपीएल-6 में कोहली ने 45.28 के औसत से 634 रन बनाए थे, जिसमें 99 रनों की पारी सहित छह अर्धशतक शामिल थे, जबकि आईपीएल-7 में कोहली 27.61 के औसत से 359 रन ही बना सके.
कोहली ने आईपीएल में अब तक कुल 39 मैचों में कप्तानी की है, जिसमें उन्हें 19 में जीत और 17 में हार का सामना करना पड़ा है, जबकि दो मैच टाई रहे और एक रद्द हो गया. आईपीएल में कोहली ने इस तरह 52.63 प्रतिशत सफलता हासिल की है. आईपीएल के मौजूदा कप्तानों में सफलता के लिहाज से कोहली पांचवें पायदान पर हैं. किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तन जॉर्ज बैले 78.57 फीसदी सफलता के साथ पहले स्थान पर हैं उसके बाद रोहित शर्मा (62.96 प्रतिशत), महेंद्र सिंह धौनी (61.11 प्रतिशत), गौतम गंभीर (57.79 प्रतिशत) का नंबर आता है.
धौनी ने हालांकि 109 मैचों में कप्तानी कर ली है और गंभीर की कप्तानी का अनुभव भी 77 मैचों का हो चुका है. धौनी, गंभीर के बाद सर्वाधिक मैचों में कप्तानी करने का अनुभव मौजूदा कप्तानों में कोहली के पास ही है.
विराट कोहली का कप्तानी के तौर पर प्रदर्शन पर इसलिए भी अहम है क्योंकि उन्हें भारतीय क्रिकेट के भविष्य के कप्तान के तौर पर भी देखा जाता है. बेशक कोहली एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं, लेकिन उनकी अगुवाई में रॉयल चैलेंजर्स का यह प्रदर्शन कई मायनों में उनकी कप्तानी क्षमता पर सवाल उठाता है.
कोहली जैसी अकूत प्रतिभा के खिलाड़ी के लिए एक सिरीज का प्रदर्शन हालांकि उनका सही मूल्यांकन नहीं हो सकता, लेकिन आईपीएल-7 का प्रदर्शन उनकी क्षमता की समीक्षा के लिए जरूर विवश करता है.