अफसरों के खिलाफ जांच में तेजी आयेगी
नई दिल्ली | संवाददाता: केन्द्र सरकार ने सरकारी अधिकारियों तथा अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों के खिलाफ जांच की समय सीमा तय कर दी. सरकारी अफसरों के खिलाफ चल रही जांच को और ज्यादा जवाबदेह बनाने के लिये विशेष समय सीमा तय की गई है. इसकी जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने दी है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों के विरूद्ध अनुशासन की कार्रवाई समयबद्ध तरीके से पूरी करना है.
इसके अनुसार-
* विभागीय जांच और रिपोर्ट प्रस्तुति के लिये 6 महीने की समय सीमा तय की गई है.
* यदि किसी मामले में 6 महीने के अंदर जांच संभव नहीं होती, तो उसके उचित कारणों को लिखित रूप से रिकॉर्ड कराना जरूरी होगा.
* अनुशासन अधिकारी द्वारा एक समय में 6 महीने से अधिक की अतिरिक्त समय सीमा नहीं दी जा सकती.
* दोषी अधिकारी को आरोपों पर अपनी बात कहने के लिए 30 दिन की समय सीमा तय की गई है और अनुशासन अधिकारी द्वारा और 30 दिन से अधिक इसे नहीं बढ़ाया जा सकता.
* किसी भी सूरत में 90 दिनों से अधिक का विस्तार नहीं दिया जा सकता.
* इसी तरह दोषी अधिकारी पर दंड लगाने के संबंध में यूपीएससी की सलाह पर राय जाहिर करने के लिये 15 दिनों का समय दिया गया है और ऐसे प्रतिनिधित्व की समय सीमा का विस्तार 45 दिनों से अधिक नहीं किया जा सकता.