पहली बार सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बनेंगी महिला वकील
नई दिल्ली। डेस्क:सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम ने जस्टिस के एम जोसेफ और एडवोकेट इंदु मल्होत्रा का नाम भेजा है.अब इन दो नामों पर सरकार को अपना फैसला देना है.
बता दें कि जस्टिस केएम जोसेफ वही न्यायाधीश हैं जिन्होंने उत्तराखंड में हरीश रावत की सरकार के दौरान राष्ट्रपति शासन लगाने को अमान्य घोषित कर दिया था. इसके अलावा न्यायमूर्ति जोसेफ उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के फैसले को रद्द कर दिया था.
इंदु मल्होत्रा 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता नामित की गई थीं. किसी हाईकोर्ट की जज से सुप्रीम कोर्ट के जज के पद पर पदोन्नत होने की बजाय, शीर्ष अदालत में वकालत के बाद सीधे तौर पर न्यायाधीश नियुक्त होने वाली वह प्रथम महिला वकील होंगी.
सुप्रीम कोर्ट के 25 जजों में फिलहाल जस्टिस भानुमति एक मात्र महिला जज हैं. हालांकि देश की आजादी के बाद अब तक छह महिलाओं की नियुक्ती सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में हो चुकी है. इंदु मल्होत्रा सुप्रीम कोर्ट जज बनने वाली सातवीं महिला होंगी.
शीर्ष न्यायालय में नियुक्त होने वाली प्रथम महिला न्यायाधीश जस्टिस एम फातिमा बीवी थी. वह 1989 में उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश नियुक्त हुई थी. उनके बाद न्यायमूर्ति सुजाता वी मनोहर, न्यायमूर्ति रूमा पाल, न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और न्यायमूर्ति आर भानुमति शीर्ष अदालत की न्यायाधीश नियुक्त हो चुकी हैं