बाज़ार

चीनी उत्पाद से मुकाबला करेंगे

नीमराना | समाचार डेस्क: हैवेल्स इंडिया के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी की मेक इन इंडिया मुहिम परवान चढ़ सकती है. इसका कारण उन्होंने बताया कि अब चीन में श्रम लागत बढ़ गई है जिससे वहां के उत्पाद महंगे हो रहें हैं. पहले चीन के सस्ते उत्पाद के कारण भारतीय कंपनिया उनके सामने टिक नहीं पा रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान में जहां विनिर्माण पर खास जोर दिया जा रहा है, वहीं चीन में श्रम लागत बढ़ने के कारण उनके उत्पाद महंगे हो रहे हैं. लिहाजा ऐसे में भारतीय विद्युत सामान विनिर्माता आज चीनी आयात से कोई खतरा महसूस नहीं करते, क्योंकि वे अब चीनी उत्पादों को अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के जरिए चुनौती दे सकते हैं. यह कहना है हैवेल्स इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनिल राय गुप्ता का.

8000 करोड़ रुपये के समूह के प्रमुख गुप्ता ने यहां कम बिजली खपत करने वाले कंपनी के नए उत्पाद ‘ल्युमेनो’ एलईडी लाइट और ‘ईएस-40’ पंखे लांच करते हुए कहा, “प्रतियोगिता तो रहेगी ही, लेकिन अस्वस्थ्य प्रतियोगिता की समस्या समाप्त हो चुकी है.”

उत्पाद कंपनी के हरिद्वार संयंत्र में तैयार हुए हैं. कंपनी के मुताबिक ईएस-40 देश का पहला पंखा है, जो 40 वाट बिजली की खपत करता है. इसकी कीमत 2,000 रुपये से कम है. कंपनी ने कहा, “इससे बिजली बिल 17 फीसदी घट सकता है.”

आम पंखे 75-80 वाट बिजली की खपत करते हैं. कंपनी के मुताबिक यदि आप एक सामान्य पंखे को हटाकर उसकी जगह ईएस-40 लगाते हैं और यदि आप रोज 16 घंटे पंखे चलाते हैं, तो सालाना 1,020 रुपये की बचत होगी.

कंपनी ने इस मौके पर यूरो-2 श्रंखला के तहत मिनिएचर सर्किट ब्रेकर, रेसिडुअल करेंट सर्किट ब्रेकर और अन्य बिजली सुरक्षा उपकरणों की नई श्रंखला भी पेश की.

कंपनी के मुताबिक, भारत में एलईडी का 850 करोड़ रुपये का बाजार है, जो 45 फीसदी की दर से बढ़ रहा है.

कंपनी ने यह भी कहा कि देश के 5,500 करोड़ रुपये के पंखे के बाजार में उसकी 14 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसे अगले दो साल में बढ़ाकर वह 16 फीसदी करना चाहती है.

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