बजट दस्तावेज लीक
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: माना जा रहा है कि शास्त्री भवन से केन्द्र सरकार का बजट दस्तावेज लीक हो गया है. पेट्रोलियम मंत्रालय के दस्तावेज व्यापारिक घरानों को लीक करने का सनसनीखेज मामला अब व्यापक फलक लेता जा रहा है. पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक, लीक दस्तावेजों में आगामी केंद्रीय बजट और प्रधानमंत्री कार्यालय से संबंधित पत्र भी शामिल हैं. इससे मामले की गंभीरता का अनुमान लगाया जा सकता है. इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. दस्तावेज लीक करने के मामले में शुक्रवार को पूर्व पत्रकार और एक ऊर्जा सलाहकार की गिरफ्तारी और पुलिस में की गई शिकायत के खुलासे से यह मामला अनुमान से कहीं ज्यादा सनसनीखेज प्रतीत हो रहा है.
यही नहीं, पुलिस के मुताबिक चोरी किए गए दस्तावेजों में ऊर्जा और कोयला मंत्रालय के दस्तावेज भी शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को शांतनु सैकिया को गिरफ्तार किया जो कई साल तक आपराधिक घटनाओं की रिपोर्टिग कर चुके हैं और फिलहाल वह एक वेब पोर्टल चलाते हैं. उन्हें पेट्रोलियम मंत्रालय का गोपनीय दस्तावेज औद्योगिक घरानों को उपलब्ध कराने के आरोप में शुक्रवार सुबह गिरफ्तार किया गया.
मेलबर्न स्थित एक ऊर्जा कंपनी में कार्यरत प्रयास जैन को भी पुलिस ने शुक्रवार को इस मामले में गिरफ्तार किया.
दिल्ली के पुलिस प्रमुख बी.एस. बस्सी ने कहा कि सैकिया तथा जैन साथ मिलकर एक वेबसाइट चलाते हैं और उन्होंने इस पर चोरी हुए दस्तावेजों का विश्लेषण अपलोड किया था, जिसका इस्तेमाल बाद में औद्योगिक घरानों ने किया. उन्होंने पैसे के लिए इस बारे में सूचना कुछ अन्य व्यक्तियों से भी साझा की थी.
बस्सी ने हालांकि उन संगठनों के नाम नहीं बताए, जिन्हें इससे फायदा हुआ. उन्होंने कहा, “ऐसे में जबकि जांच जारी है, इन संगठनों के नाम उजागर करना ठीक नहीं होगा.”
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को पेट्रोलियम मंत्रालय के दो कर्मचारियों और तीन अन्य सहित पांच को मंत्रालय से दस्तावेज चुराने तथा इसे औद्योगिक जगत को मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
राकेश कुमार, लालता प्रसाद और राजकुमार चौबे को 17 फरवरी की रात शास्त्री भवन में गोपनीय दस्तावेजों की फोटोकॉपी करवाते समय रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. राकेश और लालता भाई दिल्ली के रहने वाले हैं, जबकि राजकुमार उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहते हैं.
उनसे सूचना मिलने के बाद सरकारी कर्मचारी आशाराम और ईश्वर सिंह को भी गिरफ्तार किया गया.
पुलिस ने बताया कि राकेश कुमार और लालता प्रसाद जैन के लिए काम करते थे और वह उन दोनों को 40 हजार रुपये प्रतिमाह भुगतान करता था.
गोपनीय दस्तावेजों की चोरी की घटना संसद भवन के पास कड़ी सुरक्षा वाले शास्त्री भवन स्थित मंत्रालय के दफ्तर में हुई. इनमें कई दस्तावेज ऐसे भी हैं जिन पर पिछले सप्ताह ही हस्ताक्षर किए गए.
लीक दस्तावेजों में मासिक गैस रिपोर्ट, दिसंबर 2014 शामिल है. इस पर 16 फरवरी का हस्ताक्षर है. इसके अलावा प्राधनमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा का पत्र भी है.
लीक दस्तावेज में नेचुरल गैस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट भाषण 2015-16 का हिस्सा भी शामिल है. बजट को अतिगोपनीय दस्तावेज माना जाता है जबतक कि वित्तमंत्री इसे सदन पटल पर पेश नहीं कर देते.
पुलिस ने यह भी कहा कि कोयला और ऊर्जा मंत्रालय से संबंधित दस्तावेज भी गिरफ्तार आरोपियों के पास से बरामद किए गए हैं.
पेट्रोलियम मंत्रालय के दस्तावेज व्यापारिक घरानों को लीक करने के मामले में कांग्रेस पार्टी ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्हें अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए. प्रधान ने कहा था कि कथित दस्तावेज लीक की घटना संप्रग शासनकाल में घटी थी.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पेट्रोलियम मंत्रालय के दस्तावेज लीक मामले की सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की. गुरुवार को इस दस्तावेज लीक के खुलासे के बाद से राजनीतिक गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.