लॉर्ड्स टेस्ट, शाबास इंडिया
लंदन | खेल डेस्क: सोमवार को भारत ने विदेशी धरती पर 3 साल बाद टेस्ट मैच जीता है. यह लॉर्ड्स में 28 साल बाद भारत की पहली जीत है. इसके साथ ही भारतीय टीम पांच मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे हो गई. गौरतलब है कि नॉटिंघम में हुआ पहला मैच ड्रॉ रहा था. सोमवार को ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए इंग्लैंड को दूसरे टेस्ट मैच में 95 रनों से मात दे दी.
यह विदेशी घरती पर भारत की 15 मैचों के बाद पहली जीत है. साथ ही इंग्लैंड में यह भारत की आठ मैचों के बाद पहली जीत है. लॉर्ड्स में भारत की यह दूसरी जीत है. इससे पहले भारत ने कपिल देव की कप्तानी में 1986 में यहां पांच विकेट से जीत हासिल की थी.
मैच के पांचवें दिन इंग्लैंड को जीत के लिए जहां 214 रनों की दरकार थी, वहीं भारत को जीत के लिए छह विकेट चाहिए थे. मैच के पांचवें दिन भारत को जीत के लिए वांछित छह विकेटों में से इशांत ने अकेले पांच विकेट चटकाए, जबकि जेम्स एंडरसन को अपनी ही गेंद पर रन आउट कर रविंद्र जडेजा ने इंग्लैंड की पारी 88.2 ओवरों में कुल 223 रनों पर समेट दी.
भारत ने इंग्लैंड को चौथी पारी में जीत के लिए रिकॉर्ड 319 रनों का लक्ष्य दिया था. भारत ने पहली पारी में 295 रन और दूसरी पारी में 342 रन बनाए थे, जिसके जवाब में इंग्लैंड पहली पारी में 319 और दूसरी पारी में 223 रन बना सका.
मैच के आखिरी दिन पहले सत्र में मोइन अली और जोए रूट के बीच पांचवें विकेट के लिए 101 रनों की साझेदारी ने भारत की चिंता बढ़ा दी थी, लेकिन भोजनकाल से ठीक पहले इशांत ने मोइन के रूप में पहला विकेट चटकाने के बाद मैच में जबरदस्त वापसी करते हुए करियर का सर्वश्रेष्ठ फिगर हासिल किया और भारत को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर 1986 के बाद पहली जीत दिला दी.
इस श्रृंखला में यह दूसरा मौका है, जब किसी भारतीय गेंदबाज ने पारी में छह या उससे अधिक विकेट लिए हैं. लॉर्ड्स टेस्ट की ही पहली पारी में भुवनेश्वर कुमार ने 82 रन देकर छह इंग्लिश बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई थी.
साथ ही लॉर्ड्स में यह पहला मौका है जब भारत के किसी गेंदबाज ने पारी में सात विकेट हासिल किए हैं. इससे पहले अमर सिंह, बिशन सिंह बेदी और भुवनेश्वर ने पारी में छह-छह विकेट हासिल किए थे.
इशांत ने अब तक के करियर की श्रेष्ठ गेंदबाजी की है. इससे पहले उनका श्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन 51 रनों पर छह विकेट था. इशांत ने करियर में एक बार मैच में 10 विकेट और छह बार पारी में पांच विकेट हासिल किए हैं.
इस मैदान पर 30 साल पहले सिर्फ वेस्टइंडीज टीम 300 या उससे अधिक रनों का लक्ष्य हासिल कर सकी है.
यह विदेशी घरती पर भारत की 1124 दिनों और 15 मैचों के बाद पहली जीत है. साथ ही इंग्लैंड में यह भारत की आठ मैचों के बाद पहली जीत है.
दिन का पहला सत्र पूरी तरह इंग्लैंड के बल्लेबाजों के नाम रहा था. मैच के चौथे दिन के अपने स्कोर चार विकेट पर 105 रनों से आगे खेलने उतरे इंग्लैंड के दोनों बल्लेबाजों ने बेहद सधी हुई शुरुआत की और भारतीय गेंदबाजों को लगभग पूरे सत्र में विकेट के लिए तरसाए रखा.
इस बीच रूट ने अपना अर्धशतक पूरा किया. रूट ने 146 गेंदों की पारी में सात चौके लगाए.
इससे पहले मैच के चौथे दिन चौथी पारी में 319 रनों का पीछा करने उतरी इंग्लैंड के शुरुआती चार बल्लेबाजों को 105 रनों के भीतर चलता कर भारतीय गेंदबाजों ने मेजबान टीम को दबाव में ला दिया था.
भारत के लिए पहली पारी में अजिंक्य रहाणे ने शतकीय योगदान दिया, जबकि भुवनेश्वर ने 36 रनो की अहम पारी खेली. भुवनेश्वर ने दूसरी पारी में भी 52 रनों की बेहतरीन अर्धशतकीय पारी खेली, जो सीरीज में उनका तीसरा अर्धशतक है. 71 गेंदों पर आठ चौक लगाने वाले कुमार ने नॉटिंघम टेस्ट में 58 और नाबाद 63 रनों की पारी खेली थी.
दूसरी पारी में भारत की ओर से मुरली विजय ने सबसे अधिक 95 रनों का योगदान दिया. इसके अलावा रवींद्र जडेजा ने 68 रन बनाए. जडेजा और कुमार ने आठवें विकेट के लिए अहम 99 रन जोड़े. इंग्लैंड ने पहली पारी में 319 रन बनाए थे, जिसमें गैरी बैलेंस और लिएम प्लंकेट ने अहम योगदान दिया था.
साथ ही लॉर्ड्स में यह पहला मौका है जब भारत के किसी गेंदबाज ने पारी में सात विकेट हासिल किए हैं. इससे पहले अमर सिंह, बिशन सिंह बेदी और भुवनेश्वर ने पारी में छह-छह विकेट हासिल किए थे.
इशांत ने अब तक के करियर की श्रेष्ठ गेंदबाजी की है. इससे पहले उनका श्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन 51 रनों पर छह विकेट था. इशांत ने करियर में एक बार मैच में 10 विकेट और छह बार पारी में पांच विकेट हासिल किए हैं.