भारत गरीबी में सबसे आगे
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: गरीबी के मामले में भारत नंबर एक पर आ गया है. सर्वाधिक गरीब आबादी से संबंधित एक सूची में भारत का स्थान सबसे ऊपर आया है. हालांकि 1990 से 2010 के बीच दक्षिणपूर्वी एशिया में गरीबी दर में गिरावट आई है. यह बात संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में कहीं गई है. सहास्त्राब्दि विकास लक्ष्य रिपोर्ट 2014 में कहा गया है कि दक्षिण पूर्वी एशिया में गरीबी दर 1990 के 45 फीसदी से घटकर 2010 में 14 फीसदी रह गई है. फिर भी इस क्षेत्र में व्यापक स्तर पर गरीबी फैली हुई है.
बुधवार को यहां जारी रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के समस्त निर्धनतम लोगों का 32.9 फीसदी हिस्सा भारत में रहता है. यह अनुपात चीन, नाइजीरिया और बांग्लादेश के अनुपात से भी ज्यादा है.
बाल मृत्यु दर भी भारत में सर्वाधिक है. यहां 2012 में 14 लाख बच्चों की मौत पांच वर्ष की अवस्था से पहले हो गई.
सन 2000 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित सहस्त्राब्दि सम्मेलन में दुनिया भर के देशों ने 2015 तक के लिए गरीबी, भूख, लैंगिक समानता, शिक्षा और पर्यावरण जैसे मुद्दों से संबंधित आठ लक्ष्य तय किए थे.
रिपोर्ट जारी करते हुए भारत में संयुक्त राष्ट्र की स्थानीय समन्वयक लिज ग्रैंड ने कहा, “वैश्विक विकास में भारत की भूमिका दुनिया में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है. वैश्विक स्तर पर सहस्राब्दि लक्ष्य तब तक हासिल नहीं हो सकते, जब तक उन्हें यहां हासिल नहीं किया जाता.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया ने काफी प्रगति की है, लेकिन उन्हें और प्रगति करनी है.