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भारत में है निवेश की अनेक संभावनाएं: चिदंबरम

वॉशिंगटन | एजेंसी: केंद्रीय वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा है कि भारत में ऊंचे लाभांश के साथ विदेशी निवेश की व्यापक संभावनाएं हैं. इसके साथ ही चिदंबरम ने भारत के दीर्घकालिक उच्च विकास दर हासिल करने का भरोसा भी जताया.

अमरीका पहुँचे चिदंबरम ने आईडीएफसी के एक समारोह में शुक्रवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय आधारभूत ढांचा क्षेत्र पर केंद्रित है. इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी बहुत तेजी से बढ़ रही है.

चिदंबरम ने कहा, “12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत ऊर्जा, सड़क और बंदरगाह तथा नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में 10 खरब डॉलर निवेश की जरूरत है. इनमें से आधा निवेश निजी क्षेत्र से आने की उम्मीद है.”

कई बड़ी आधारभूत ढांचा परियोजनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इससे विदेशी निवेशकों को ऊंची लाभांश दर के साथ भारत में निवेश करने का सुनहरा मौका है. इन परियोजनाओं में दिल्ली-मुंबई के बीच 1483 किलोमीटर लंबा औद्योगिक गलियारा भी शामिल है. उन्होंने बताया कि छह राज्यों से गुजरने वाले इस गलियारे में 90 अरब डॉलर निवेश की जरूरत है.

वित्त मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षो में भारत सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) के सबसे बड़े बाजारों में से एक के तौर पर उभरा है. सरकार ने गुणवत्तायुक्त जन सुविधाओं के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को शामिल करने के लिए एक प्रभावी उपाय के तौर पर पीपीपी मॉडल को अपनाया है. भारत में इस समय पीपीपी के तहत 1000 परियोजनाएं संचालित हो रही हैं और उनकी कुल लागत करीब 97 अरब डॉलर है.

विदेशी निवेश को अधिक आकर्षक बनाने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए चिदंबरम ने कहा कि कई क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाई गई है. इनमें खुदरा, नागरिक उड्डयन और टेलीकॉम क्षेत्र शामिल हैं. इसके साथ ही बैंकिंग क्षेत्र में प्रतिबंधों को कम किया गया है.

उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों के द्वारा अधिसूचित होने के साथ ही कई क्षेत्रों में सीधे 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है.

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