विविध

भारत ई-सिगरेट के खिलाफ

नई दिल्ली | एजेंसी: हालिया दौर में युवाओं के द्वारा उपयोग में लाई जा रही ई सिगरेट का भारत ने विरोध किया है. गौरतलब है कि स्टाइल तथा नसा का संगम ई सिगरेट जल्द ही युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है. गौरतलब है कि भारत के केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने तम्बाकू के इस्तेमाल के खिलाफ अति सक्रिय उपायों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि वह ई-सिगरेट और ऐसे सभी उत्पादों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के पक्ष में हैं जिन्हें इलेक्ट्रानिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम्स कहा जाता है.

ईएनडीएस की सुरक्षा को लेकर उत्पन्न विवाद पर अपने स्पष्ट संदेश में डॉ. हर्षवर्धन ने विशेषज्ञों द्वारा अनुसंधान निष्कर्षो को ध्यान में रखते हुए उनकी स्वीकार्यता से इनकार किया.

डॉ. हर्षवर्धन ने मंगलवार को बार्सिलोना में फेफड़ों के स्वास्थ्य के बारे में 45वें यूनियन विश्व सम्मेलन में विश्व के तंबाकू नियंत्रण विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए कहा कि ई-सिगरेट और इसी तरह के अन्य उत्पाद बच्चों में निकोटिन पर निर्भरता पैदा करते हुए उन्हें तम्बाकू के सेवन की तरफ ले जाते हैं.

डॉ. हर्षवर्धन जिन्हें देश में धूम्रपान के खिलाफ पहला कानून-दिल्ली धूम्रपान निषेध और धूम्रपान न करने वालों के लिए स्वास्थ्य संरक्षण अधिनियम, 1996 बनाने का श्रेय मिला हुआ है, का सम्मेलन में गर्मजोशी से स्वागत किया गया. यूनियन 94 वर्ष पुराना मंच है जो फेफड़ों की बीमारियों, तपेदिक और तंबाकू जैसे विषयों से निपटता है.

उन्होंने कहा कि ईएनडीएस पर प्रतिबंध लगा देने से ही समस्या का समाधान नहीं होगा. प्रतिबंध की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम इस तरह के उत्पादों के अवैध व्यापार और सीमा पार से बिक्री को किस प्रकार नियंत्रित करते हैं. इस व्यापार के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल पर भी रोक लगनी चाहिए.

भारत में 27 करोड़ 50 लाख लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. धुंआ रहित तंबाकू का सेवन सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ी समस्या बन चुका है जिस पर यदि कड़े उपाय करते हुए समय पर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह एक राष्ट्रीय खतरा बन जाएगा. आकर्षक पैकेजिंग, फ्लेवरिंग और दामों में कटौती जैसी बड़े पैमाने पर अपनाई जाने वाली मार्केटिंग रणनीतियां सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है.

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “मुझे यकीन है कि यहां मौजूद सभी विशेषज्ञों को तंबाकू उद्योग की ताकत की जानकारी है. भारत इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए अति सक्रिय उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है.”

इस संबंध में उन्होंने हाल में भारत द्वारा सिगरेट के डिब्बों के बड़े हिस्से और अन्य किस्म के तंबाकू पर अनिवार्य चेतावनी लिखने के मामले में अन्य देशों के साथ पहला स्थान हासिल करने का जिक्र किया. नये नियमों के तहत तंबाकू के पैकेट के दोनों तरफ 85 प्रतिशत हिस्से में तस्वीर के रूप में स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी देनी होगी.

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि उन्होंने भविष्य के लिए एक रोड मैप तैयार किया है जिसमें तंबाकू का उपयोग करने वाले उन लोगों को सलाह देने के लिए 24 घंटे की टेलीफोन हेल्पलाइन शुरू की जाएगी, जो इसे छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर पांच तंबाकू परीक्षण प्रयोगशालाएं, 27 नये राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठों की स्थापना और सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 में संशोधन शामिल है ताकि इसे बेहतर तरीके से लागू किया जा सके.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!