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आईसीसी ने किया डीआरएस का बचाव

दुबई: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने क्रिकेट मैचों के दौरान मैदान पर खड़े अंपायर के निर्णय की समीक्षा करने वाली प्रणाली ‘डीसीजन रीव्यू सिस्टम’ (डीआरएस) का बचाव किया है. इससे पहले इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के बीच जारी वर्तमान एशेज श्रृंखला के रविवार को ट्रेंटब्रिज़ स्टेडियम में समाप्त हुए पहले टेस्ट मैच में डीआरएस की सटीकता के लेकर काफी विवाद हुआ था.

आईसीसी ने कहा है कि 2012-13 से अब तक डीआरएस में 5.5 फीसदी की वृद्धि हुई है.अंपायरों ने कुल 72 निर्णय दिए जो डीआरएस टेस्ट मैच के औसत (49) निर्णय से काफी अधिक है. ट्रेंटब्रिज़ मैच के दौरान अंपायरों की टीम ने निर्णय देने में कुल सात गलत निर्णय दिए, जिनमें तीन निर्णयों को ठीक नहीं किया गया जबकि डीआरएस की मदद से चार निर्णय सुधारे गए.

आईसीसी कहती है कि इस प्रकार डीआरएस से पहले जहां अंपायरों द्वारा सही निर्णय किए जाने का प्रतिशत 90.3 था वहीं डीआरएस लागू किए जाने के बाद यह बढ़कर 95.8 फीसदी हो गया है.

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा, “हालांकि, खिलाड़ियों की ही भांति अंपायरों के लिए भी अच्छा और खराब दिन होता है, लेकिन हम सभी जानते हैं कि अंपायरों का निर्णय चाहे वह सही हो या गलत, हम मानने के लिए बाध्य होते हैं. आईसीसी को अपने अंपायरों पर पूरा भरोसा है और साथ ही साथ उन्नत होती तकनीक पर भी.”

उल्लेखनीय है कि आईसीसी ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मैचों के दौरान डीआरएस प्रणाली का इस्तेमाल शुरू किया है और भारतीय बोर्ड हमेशा से इस तकनीक की सटीकता को लेकर संशय जताता रहा है और इसका विरोध करता रहा है.

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