अशोक खेमका को ईमानदारी का फल मिलेगा
नई दिल्ली | संवाददाता: रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ डील को रद्द करने वाले आईएएस अफसर अशोक खेमका को उनके बुरे दिनों से निजात मिलेगी. खबर है कि कैबिनेट सचिव ने उनकी केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने की अर्जी को मंजूरी दे दी है. इसी के साथ अशोक खेमका पर लगे आरोप खत्म कर दिये गये हैं.
गौरतलब है कि हरियाणा कैडर के आईएएस अफसर अशोक खेमका अपनी ईमानदारी तथा साहस के लिये जाने जाते हैं. उन्होंने ही सोनिया गांधी के दामाद वॉबर्ट वाड्रा के द्वारा किये गये जमीन के सौदे को उजागार किया था. खेमका ने 15 अक्टूबर 2012 को रॉबर्ट वाड्रा की स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ यूनिवर्सल के बीच हुई डील को रद्द कर दिया था.
जिससे ऐन चुनाव के पहले कांग्रेस को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था. हरियाणा की हुड्डा सरकार ने उन पर सीबीआई जांच के आदेश भी दे दिये थे.
केन्द्र में मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के दिन से ही कयास लगाये जा रहे थे कि अशोक खेमका के अच्छे दिन आने वाले हैं. गौर करने वाली बात यह है कि अपने 20 साल के करियर में आईएएस अशोक खेमका को 45 बार ट्रांसफर किया जा चुका है.