झारखंड में भूख से एक और मौत
रांची | संवाददाताः झारखंड में भूख से मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है. अब गढ़वा ज़िले के रंका इलाके में आदिम जनजाति समुदाय की एक महिला की भूख से मौत हो गई. हालांकि सरकारी अधिकारियों का कहना है कि महिला खून की कमी के कारण बीमार हो गई थी, इसलिये उसकी मौत हुई है. लेकिन परिजनों का दावा है कि मृतका के घर खाने के लिये अन्न का एक भी दाना नहीं था.
पिछले कुछ दिनों में झारखंड में भूख से मौत की यह चौंथी घटना है.
गढ़वा ज़िले के सेमरखांड़ गांव में 45 साल की ललिता कुंवर ने दम तोड़ दिया. कोरवा जनजाति की ललिता के पति चौतु कोरवा की कई साल पहले ही मौत हो चुकी है. ललिता किसी तरह जंगल से लकड़ियां ला कर बेचती थी और उसी से गुजारा करती थी.
ललिता की बेटी रुबी कुमारी का कहना है कि पिछले छह महीने से सरकारी राशन की दुकान से उन्हें राशन मिलना बंद हो चुका था और काम नहीं होने के कारण ललिता भी बीमार रहने लगी थी. पिछले सप्ताह उसे गढ़वा के ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसे कुपोषित बताया गया था. लेकिन जब ललिता को अस्पताल से घर लाया गया तब ललिता के घर में अन्न का एक भी दाना नहीं था. दो-तीन दिन तक कुछ भी नहीं खाने के कारण ललिता की मौत हो गई.
ललिता की मौत के बाद मंगलवार को गांव में पहुंचे ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर राजेश एक्का ने परिवार के दूसरे सदस्यों के लिये 70 किलोग्राम चावल और पांच लीटर मिट्टी तेल उपलब्ध कराया.
इधर झारखंड सरकार ने फिर से दुहराया है कि राज्य में किसी के लिये भी अनाज की कमी नहीं होने दी जायेगी. सरकार पहले ही कह चुकी है कि लोगों को राशन पर्याप्त मात्रा में मिल रहा है. कहीं से अगर कोई शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई भी होगी. सरकार ने भूख से होने वाली किसी की भी मौत को सिरे से खारिज करते हुये कहा है कि इस तरह के संवेदनशील मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिये.