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कैंसर से छत्तीसगढ़ में हर दिन 43 की मौत

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ कैंसर का घर बनता जा रहा है. राज्य में हर दिन 43 लोगों की मौत कैंसर से हो रही है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों से यह बात सामने आई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार राज्य में कैंसर से मौत के 2022 के आंकड़े उपलब्ध हैं, उसके अनुसार राज्य में एक साल में 16,057 लोगों की इस बीमारी से मौत हो गई.

दस साल पहले 2013 में मौत का यह आंकड़ा 12,737 था.

यानी तब हर दिन 34 लोगों की मौत इस बीमारी से हो रही थी.

2022 में इसमें 26.43 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हो गई.

विशेषज्ञों का अनुमान है कि कम से कम पांच गुणा अधिक मामले तो ऐसे होते हैं, जिनकी मौत सरकारी फाइलों में दर्ज़ ही नहीं हो पाती. ऐसे लोग इलाज के लिए भी अस्पताल नहीं पहुंच पाते.

कैंसर के इलाज की व्यवस्था को ही कैंसर

छत्तीसगढ़ में कैंसर के इलाज की सुविधा मुख्य रुप से राजधानी रायपुर में ही उपलब्ध है. उसमें भी सरकारी सुविधाओं का बुरा हाल है.

अव्वल तो इसकी जांच और इलाज शुरु होने में ही कई सप्ताह गुजर जाते हैं.

मरीज़ों की कीमोथैरेपी की लाइन इतनी लंबी है कि बड़ी संख्या में लोग इतने दिनों तक राजधानी रायपुर में रहने, खाने-पीने का खर्च वहन नहीं कर पाते.

कैंसर की जांच और इलाज का हाल इससे समझा जा सकता है कि राजधानी के कैंसर सेंटर में महीनों खून की जांच नहीं हो पाती. सिंकाई कहां जरुरी है, यह जांचने वाली स्कैन मशीन बंद पड़ी रहती है.

स्पेशल सीटी सेमुअलेटर मशीन सालों तक बंद रहती है.

2019 में पैट सीटी स्कैन मशीन की ख़रीदी हुई थी. इससे कैंसर का पता चलता है. निजी अस्पताल में इसकी जांच में 20 हज़ार रुपये से अधिक खर्च होते हैं. लेकिन मौत के सौदागर में बदल चुकी व्यवस्था ने मशीन बंद पड़ी रह जाती है.

बच्चेदानी के कैंसर की सिंकाई की ब्रेकीथैरेपी मशीन 2014 में खराब हो चुकी है. दस सालों बाद भी इसकी ख़रीदी नहीं हुई. विभाग का दावा है कि ख़रीदी की प्रक्रिया जारी है.

मेमोग्राफ़ी मशीन को ख़राब हुए तीन साल से अधिक हो गए.

राज्य के दूसरे हिस्सों में कैंसर की जांच की घोषणा की गई थी. कई जगह केंद्र भी खोले गये. लेकिन इन केंद्रों में किसी चिकित्सक की नियुक्ति ही नहीं की गई.

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