हुदहुद ने ली 6 की जान
नई दिल्ली | एजेंसी: ‘हुदहुद’ रविवार विशाखापत्तनम तट से टकराया और इसके बाद यह आगे निकल गया. आंध्र और ओडिशा के तटीय इलाकों में भीषण तूफान और भारी बारिश की वजह से छह लोगों की मौत हो गई. भारी बारिश और भीषण तूफान की वजह से कई जगह पेड़ उखड़ गए, बिजली के खंभे गिर गए, संचार टावर ध्वस्त हो गए और फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है. 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आए तूफान से आंध्र के चार जिलों के करीब 320 गांव प्रभावित हुए हैं. आंध्र प्रदेश और ओडिशा दोनों ही राज्यों में भीषण तूफान वजह से तीन-तीन लोगों की जान चली गई. भारी बारिश के कारण ओडिशा के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं.
विशाखापत्तनम और आसपास के इलाकों में रातभर से जारी बारिश और 150 से 190 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफान की वजह से जनजीवन प्रभावित हो गया. मौसम विभाग के अनुसार तूफान अब कमजोर होकर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ेगा.
भारी बारिश और भीषण तूफान की वजह से कई जगह पेड़ उखड़ गए, बिजली के खंभे गिर गए, संचार टावर ध्वस्त हो गए और फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है.
विशाखापत्तनम और श्रीकाकुलम जिले शनिवार रात से ही अंधेरे में हैं. सड़कों पर खंभे गिरने की वजह से सड़क परिवहन बाधित है और रेलवे ने इस क्षेत्र में अपनी सभी सेवाएं बंद कर दी हैं.
बंगाल की खाड़ी में उठा अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान दोपहर के आसपास पुदिमादका में तट को पार करने लगा. पुदिमादका गांव विशाखापत्तनम से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है.
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हैदराबाद में संवाददाताओं से कहा कि भीषण तूफान तट पार कर चुका है, लेकिन पूरे तूफान को पार करने में तीन-चार घंटे लग सकते हैं इसीलिए लोग अपने घरों में रहें.
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नायडू से बात की और केंद्र की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया.
तूफान की जानकारी देने वाले राडार से संपर्क टूट जाने के कारण प्रशासन को तूफान की गति और उसके प्रभाव के बारे में जानकारी मुहैया कराने में कठिनाई का सामना करना पड़ा.
नायडू ने कहा कि नौसेना ने जानकारी दी है कि तूफान का भीषणतम रूप पार हो चुका है और आंधी की रफ्तार 185 किलोमीटर प्रति घंटे थी.
उन्होंने कहा, “चूंकि संपर्क तंत्र ध्वस्त हो चुका है लिहाजा हमारे पास नुकसान के आकलन का कोई तंत्र नहीं है.”
अधिकारियों ने बताया कि विशाखापत्तनम, श्रीकाकुलम, विजयानगरम और पूर्वी गोदावरी जिले शनिवार रात से ही भारी बारिश और तेज आंधी की चपेट में हैं. इसके परिणामस्वरूप निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं, पेड़ उखड़ गए, बिजली आपूर्ति और संपर्क टूट गए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि विशाखापत्तनम में दो लोगों मौत हो गई जबकि श्रीकाकुलम जिले में एक व्यक्ति की मौत हो गई. दो मौतें दीवार गिरने से जबकि एक की मौत पेड़ के नीचे दबने से हुई.
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए पांच लाख रुपये, गंभीर घायलों के लिए एक लाख रुपये और मामूली घायलों के लिए 50 हजार रुपये मुआवजा की घोषणा की है.
अधिकारियों ने इसके पहले कहा था कि लगभग चाल लाख लोगों को सुरक्षित निकालने की जरूरत थी, लेकिन केवल 1.35 लाख लोगों को 223 राहत शिविरों में ले जाया गया है.
राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल की 24 टीमें, सेना की दो टुकड़ी, छह हेलीकॉप्टर और 56 नौकाएं राहत एवं बचाव अभियान के लिए तैयार हैं.
उल्लेखनीय है कि तूफान की वजह से आंध्र प्रदेश और ओडिशा के अलावा छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में भी भारी बारिश हो सकती है.
ओडिशा में कई इलाके जलमग्न :
चक्रवाती तूफान के कारण भारी बारिश से राज्य के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने राज्य में दक्षिणी क्षेत्र के आठ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया है और कहा है कि बारिश सप्ताह मध्य तक जारी रह सकती है.
मौसम विभाग ने कहा है मलकानगिरि, कोरापुट, रायगाड़ा, नवरंगपुर, गंजाम, गजपति, कालाहांडी, नयागढ़, खुरदा, पुरी, नवापाड़ा, बौध, बोलांगीर, सोनपुर और फुलबनी में अगले 24 घंटों में सोमवार तक 250 मिलीमीटर बारिश हो सकती है.
हुदहुद तूफान रविवार को आंध्र प्रदेश तट से विशाखापत्तनम के पास पुदिमादका गांव में टकराया.
एक अधिकारी ने कहा कि दो व्यक्तियों की मौत उस समय हुई, जब एक नौका केंद्रापाड़ा जिले में शनिवार को डूब गई. नौका का उपयोग लोगों को खाली कराने में किया जा रहा था. एक अन्य व्यक्ति की मौत पुरी तट पर उस समय हुई, जब उसने मछली पकड़ने की अपनी नौका बचाने की कोशिश की.
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रविवार को एक समीक्षा बैठक की और कहा कि सरकार राज्य में संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए है.
राहत उपायुक्त प्रवात रंजन महापात्रा ने कहा कि राज्य के दक्षिणी हिस्सों में स्थित विभिन्न जलाशयों का जलस्तर घटा दिया गया है ताकि अनुमानित अतिरिक्त जलागम को प्रबंधित किया जा सके.
राज्य के प्रमुख जलाशय कोरापुट, मलकानगिरि और कालाहांडी जिलों में स्थित हैं, जहां भारी बारिश होने का अनुमान मौसम विभाग ने किया है.
जल संसाधन विभाग ने संबलपुर जिले में स्थित हीराकुंड जलाशय का जलस्तर कम कर दिया है.
सरकार ने इसके अलावा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का एक बड़ा अभियान भी चलाया है. अभी तक लगभग 71,000 लोगों को खाली कराया जा चुका है.